Edited By Simpy Khanna, Updated: 18 Sep, 2019 03:50 PM
राजधानी शिमला एक के बाद एक बीमारी में जकड़ती जा रही है। स्क्रब टायफस अभी खत्म नहीं हुआ कि अब शहर में पीलिया ने दस्तक दे दी है। अगर आई.जी.एम.सी. और क्षेत्रीय अस्पताल डी.डी.यू. की बात की जाए तो यहां पर रोजाना 3 से 4 मामले पीलिया के आ रहे हैं। चिकित्सक...
शिमला (जस्टा) : राजधानी शिमला एक के बाद एक बीमारी में जकड़ती जा रही है। स्क्रब टायफस अभी खत्म नहीं हुआ कि अब शहर में पीलिया ने दस्तक दे दी है। अगर आई.जी.एम.सी. और क्षेत्रीय अस्पताल डी.डी.यू. की बात की जाए तो यहां पर रोजाना 3 से 4 मामले पीलिया के आ रहे हैं। चिकित्सक का कहना है कि यह मामले शिमला के हर जगह से आ रहे हैं। लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मरीजों में हेपाटाईटिस-ए टाईप का पीलिया पाया जा रहा है।
चिकित्सक ने अस्पतालों में मरीजों का उपचार करना शुरू कर दिया है। हेपाटाईटिस-ए पीलिया ही होता है, ऐसे में अब शहर में पीलिया गंभीर रूप धारण कर सकता है। अगर पीलिया ज्यादा हो गया तो मरीजों की इससे मौत तक हो जाती है। हेपेटाइटिस ए लीवर का रोग होता है। यह वायरस के द्वारा फैलता है। यह वायरस इन्सान में तब फैलता है, जब एक व्यक्ति उस भोजन और पानी का सेवन करता है, जो संक्रमित व्यक्ति के मल से दूषित हुआ होता है।
इस रोग का संबंध दूषित पानी, अपर्याप्त स्वच्छता प्रबंध और व्यक्तिगत स्वच्छता में कमी से होता है। यह रोग धीमी गति से ठीक होता है और यह रोग इंसान को कई सप्ताह से लेकर महीने तक रह सकता है। ऐसे में चिकित्सक की सलाह और पर्याप्त पोषक संतुलन बनाएं रखने की आवश्यकता होती हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने शहर के लोगों को सर्तक रहने की सलाह दी है।
चिकित्सकों का कहना है कि इन दिनों पीलिया होने की वैसे संभावना अधिक रहती है, क्योंकि इस मौसम में प्राकृतिक जल स्त्रोंतो के पानी के सेवन करने से पीलिया हो सकता है। डाक्टरों की सलाह है कि कुंए, चशमों, बावड़ियों का पानी इन दिनों नहीं पीना चाहिए। यदि जल स्त्रोतों का पानी पीना ही है तो उबाल कर पीए। गंदे पानी का सेवान करने से तो इन दिनों भी पीलिया फैल सकता है। यदि लोगों को पीलिया के लक्षण दिखाई दें इसकी जांच स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में करवाएं।
पीलिया के लक्षण
भूख न लगना, उल्टी दस्त लगना, चमड़ी व नाखूनों में पीला पन, बुखार लगना आदि पीलिया के लक्षण है।
यह करें बचाव
- हेपेटाइटिस-ए से ग्रस्त व्यक्ति को सफाई का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इसलिए उसे शौच जाने के बाद अपने हाथ अच्छे से धोने चाहिए। इसके अलावा कपड़े बदलने से पहले और बाद में भी अपने हाथों को अच्छे से धोना चाहिए।
- हेपेटाइटिस-ए के वायरस से ग्रस्त व्यक्ति को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उसे कच्चा खाना नहीं खाना चाहिए। बल्कि उसे सही तरीके के साथ पका हुआ भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- हमेशा उबले हुए पानी का सेवन करना चाहिए या फिर आप बंद बोतल का पान भी पी सकते हो।
- बावड़ी व चशमों का पानी न पीएं और प्राकृतिक जल स्त्रोंतो में दवाई डालें।
- जितना हो सके कच्ची सब्जी का सेवन करना चाहिए। ये हेपेटाइटिस ए में बहुत ही अच्छा माना जाता है बल्कि आपको सेहतमंद भी रखता है।
- आपको हेपेटाइटिस-ए का इंजेक्शन लगाव लेना चाहिए। यदि आप ऐसी जगह जा रहे हैं यहां आपको हेपेटाइटिस ए का खतरा हो सकता है।
- आपको फाइबर युक्त आहार का सेवन करना चाहिए, जो आपके लीवर के लिए लाभकारी होते हैं जैसे साबुत अनाज, सरसों का साग, दालचीनी आदि। इसके अलावा आप शक्करकंद, गाजर, खुबानी, कद्दू और आम का सेवन भी करना चाहिए। इससे आपको प्रदूषण मुक्त होने में सहायता मिलती है।
नीम हकीम से भी झड़वा रहे है लोग पीलिया
पीलिया की चपेट में आए लोग की संख्या अस्पताल तक सीमित नहीं है। बताया जा रहा है कि इन दिनों नीम हकीम से भी लोग पीलिया झड़वा रहे है। कुछ लोग ऐसे है जो कि अस्पताल नहीं आते है। ऐसे में वे नीम हकीम वालों से ही पीलिया का इलाज करवा रहे है।
आई.जी.एम.सी. अस्पताल के डॉ जनक राज ने कहा कि पीलिया के मामले वैसे ज्यादा तो नहीं आ रहे है, लेकिन अस्पताल में कुछ मरीज पहुंच रहे है। लोगों को सलाह दी जाती है कि गंदा पानी न पीए। पानी को उबालकर पीए। अगर कोई पीलिया के लक्षण दिखे तो अस्पताल में आकर समय से अपना उपचार शुरू करे। अस्पताल में उपचार के पूरे साधन है।