जनमंच में पहुंचा बेबस बाप, बोला-बेटे के रोग ने बना डाला पाई-पाई का मोहताज

Edited By Vijay, Updated: 16 Jun, 2019 11:35 PM

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बेटे को 9 साल की उम्र में भयंकर रोग ने घेर लिया, जिसके चलते शरीर के नीचे का पूरा भाग बेजान हो गया। बीमारी के चलते बेटे का स्कूल भी छूट गया। तब से बेबस बाप अपने 16 साल के बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन बेटे का रोग अब लाइलाज हो चुका है।...

तपोवन (धर्मशाला) (सौरभ सूद): बेटे को 9 साल की उम्र में भयंकर रोग ने घेर लिया, जिसके चलते शरीर के नीचे का पूरा भाग बेजान हो गया। बीमारी के चलते बेटे का स्कूल भी छूट गया। तब से बेबस बाप अपने 16 साल के बेटे के इलाज के लिए दर-दर भटक रहा है, लेकिन बेटे का रोग अब लाइलाज हो चुका है। यह दर्दभरी कहानी है शाहपुर के कुठारना गांव के मदन कुमार की। तपोवन के निकट जोरावर स्टेडियम में रविवार को आयोजित जनमंच कार्यक्रम में व्हीलचेयर पर अपने बेटे को लेकर पहुंचे मदन ने सरकार से मदद की गुहार लगाई। दिहाड़ीदार मदन ने कहा कि बेटे के इलाज पर वह अपनी सारी जमापूंजी खर्च कर चुका है। गांव के लोगों से कर्ज लेकर राज्य और बाहरी प्रदेशों के कई अस्पतालों में अपने बेटे का इलाज करवाया, लेकिन बीमारी दूर नहीं हुई। अब तो पी.जी.आई. चंडीगढ़ के चिकित्सकों ने भी इस बीमारी के इलाज में असमर्थता जता दी है। बेटे के इलाज के लिए लोगों से करीब 5 लाख रुपए कर्ज ले रखा है, जिसे चुकाना अब टेढ़ी खीर बन गया है। दिव्यांगता पैंशन जरूर लगी है लेकिन वो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
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जब नेता बोले-बीमारी हमें पूछकर तो नहीं आई

मदन ने बताया कि बेटे के इलाज की खातिर मदद के लिए उसने स्थानीय विधायक, मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र भेजे, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। संवेदनहीनता की हद देखिए, कुछ साल पहले वह अपने हलके के एक नेता से मदद मांगने पहुंचा तो उक्त नेता ने मदद तो दूर, यह कहकर दुत्कार दिया कि तुम्हारे बेटे को लगी बीमारी हमें पूछकर तो नहीं आई। शासन-प्रशासन के दर पर मायूसी मिली तो गांव के लोगों ने कुछ सहारा दिया। लाखों रुपए कर्ज लेकर कई बड़े अस्पतालों में बेटे का इलाज करवाया, लेकिन बेटा दोबारा अपने पैरों पर खड़ा होने के काबिल नहीं हो सका। बेटे की इस हालत को देख मां-बाप और बूढ़ी दादी हर रोज तिल-तिल मरते हैं।
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द्रवित हुए मंत्री गोविंद, मौके पर मदद मंजूर

जनमंच जब समाप्ति की ओर था तो मदन अपने बेटे को व्हीलचेयर पर लेकर मंच की ओर बढ़ रहा था। इतने में भीड़ से घिरे परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर व सांसद किशन कपूर मंच से उतरते हैं तो बच्चे की हालत देख पास जाकर पूछ उठते हैं कि आखिर यह बीमारी क्या है और मदन को किस सहायता की दरकार है। बच्चे की लाइलाज बीमारी बारे सुनकर गोविंद ठाकुर द्रवित हो उठे और मौके पर एक लाख रुपए की आर्थिक मदद मंजूर कर दी। सांसद किशन कपूर ने प्रशासन को सरकार की सहारा योजना के तहत हर माह 2 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मदन के परिवार को देने को कहा, साथ ही असाध्य बीमारी से जूझ रहे बच्चे के लिए घर में नया शौचालय बनाने के निर्देश डी.सी. कांगड़ा को दिए।
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पीस मील वर्कर्स बोले-50 रुपए दिहाड़ी में कैसे चलाएं परिवार

जनमंच में एच.आर.टी.सी. के 28 डिपुओं में कार्यरत पीस मील वर्कर्स भी अपने लिए पॉलिसी लागू करने की मांग लेकर पहुंचे। पीस मील वर्कर संदीप कुमार ने कहा कि निगम में कार्यरत 900 से अधिक पीस मील वर्कर आखिर 50 रुपए से भी कम दिहाड़ी में कैसे अपना व परिवार का गुजारा चलाएं। वे दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन बदले में मिल रहा मेहनताना बहुत कम है। संदीप ने दर्द भरे लहजे में परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर से कहा-साहब, हम भूखे मर जाएंगे। कहा कि सरकार हमें कम से कम अनुबंध पर लाने के लिए पॉलिसी बनाए। इस पर परिवहन मंत्री ने सभी कर्मियों को मंच पर बुलाकर अगली बी.ओ.डी. बैठक में उनके लिए पॉलिसी लागू करने की बात कही।
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अब तो आत्मदाह की बात करने लगे हैं कर्मी

जनमंच में वन संसाधन प्रबंधन सोसायटी कनैड़ के अनुबंध कर्मचारी रैगुलर करने की मांग लेकर पहुंचे। कर्मचारी संघ की मुखिया वर्षा कटोच ने कहा कि वन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं में सोसायटी के एक हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं। वर्ष 2017 में सरकार ने उनके लिए पॉलिसी बनाई जो आज तक लागू नहीं हुई। इस कारण उन्हें कोई भी वित्तीय लाभ नहीं मिले हैं। विभाग से नियमित करने की मांग करते हैं तो बजट की कमी का रोना रोया जाता है। बढ़ती महंगाई में नाममात्र वेतन से कैसे गुजारा करें? अब तो कई कर्मचारी आत्मदाह करने की बात करते हैं। विभाग जल्द उनके लिए बनाई पॉलिसी लागू करे। वहीं इस मांग पर वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने ठोस आश्वासन नहीं दिया।
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महीनों एक टेबल से दूसरे टेबल घूमती है फाइल

जनमंच में बाघनी पंचायत के लोगों ने सिंचाई सुविधा का मसला उठाया। लोग बोले कि पंचायत में अधिकतर किसान हैं। पिछली बरसात में पानी के तेज बहाव से मनूणी खड्ड से निकली 2 कूहलें और चैकडैम टूट गए, जिन्हें आज तक पुनर्निर्मित नहीं किया है। जिस ठेकेदार को कूहल निर्माण का ठेका दिया, उसने काम बंद कर दिया। इससे लोगों को खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा। लोग बोले कि कई बार विभाग से गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हालत यह है कि फाइलें एक टेबल से दूसरे टेबल तक पहुंचने में 6 माह लग जाते हैं। पंचायत के लोगों ने टी.सी.पी. के दायरे से भी बाहर निकालने की गुहार लगाई।
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दफ्तरों के बार-बार काट रहे चक्कर

अपनी समस्या लेकर पहुंचे योल कैंट के नरवाणा निवासी सोहन के परिवार ने कहा कि घर के साथ लगते नाले में बरसात में तेज बहाव आने से कई वर्षों से भू-कटाव हो रहा है, जिससे अब उनके मकान को खतरा पैदा हो गया है। 2 साल पहले बी.डी.ओ. दफ्तर में शिकायत की, परंतु कोई कदम नहीं उठाया गया। कई बार दफ्तरों के चक्कर काट कर थक चुके हैं। अब सरकार से ही आस है। इस पर वन मंत्री ने बी.डी.ओ. और भू-संरक्षण अधिकारी को कार्रवाई के आदेश दिए।

जब कृष्ण नाम की महिमा ने लगवाए ठहाके

जनमंच में परिवहन निगम के पीस मील कर्मी संदीप के अंदाज ने मंच पर बैठे परिवहन मंत्री गोविंद ठाकुर और सांसद किशन कपूर सहित अधिकारियों व लोगों को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। संदीप बोले कि उनके ईष्ट देव भगवान कृष्ण हैं। आज मंच पर एक गोविंद ठाकुर बैठे हैं जो भगवान कृष्ण का ही नाम है जबकि सांसद किशन कपूर का नाम भी भगवान का ही है तो उन्हें यकीन है कि कृष्ण नाम रूपी मंत्री व सांसद उनकी पुकार अवश्य सुनेंगे। संदीप ने कहा कि पोस्ट ग्रैजुएट होने और पेंटिंग में 4 नैशनल अवार्ड जीतने पर भी बेरोजगारी की मार के चलते पीस मील वर्कर के तौर पर काम करना पड़ रहा है। सरकार उनके बारे में सोचे।

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