Edited By Ekta, Updated: 10 Jun, 2019 10:47 AM
राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम, 1972 की धारा-118 में न तो कोई संशोधन किया है और न ही इस तरह की कोई अधिसूचना जारी की है। इसके साथ ही सरकार का भविष्य में भी इस तरह के संशोधन करने का कोई विचार नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम...
शिमला (राक्टा): राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश मुजारियत एवं भू-सुधार अधिनियम, 1972 की धारा-118 में न तो कोई संशोधन किया है और न ही इस तरह की कोई अधिसूचना जारी की है। इसके साथ ही सरकार का भविष्य में भी इस तरह के संशोधन करने का कोई विचार नहीं है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में यह बात कही है। मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि कुछ लोगों के माध्यम से धारा-118 को लेकर गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शोर डाला जा रहा है जो पूरी तरह से तथ्यहीन है। उन्होंने धारा-118 को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रही खबरों को झूठी करार दिया तथा लोगों से ऐसी खबरों पर विश्वास न करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को असुविधा न हो तथा ऐसे मामलों में समय कम लगे, उस दृष्टि से पहले विचार किया गया था ताकि प्रक्रिया जल्द पूरी हो।
चुनावी हार से कुछ लोग निराश
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से कुछ लोग निराश हैं तथा इस तरह के प्रचार करने का प्रयास कर रहे हैं, जिसमें वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में धारा-118 पहले की तरह ही कायम है।
कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने भी यहां जारी बयान में कहा है कि सोशल मीडिया पर धारा-118 को लेकर जो प्रचार किया जा रहा है वह आधारहीन तथा तथ्यहीन है। प्रवक्ता ने कहा है कि कुछ शरारती तत्व सरकार की छवि को धूमिल करने व लोगों को गुमराह करने के लिए भ्रामक प्रचार कर रहे हैं। कहा गया है कि जनता ऐसी अफवाहों पर भरोसा न करे तथा ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।