Edited By Ekta, Updated: 27 Aug, 2019 12:37 PM
आज हम आपको सिरमौर जिला के दुर्गम इलाके की जो तस्वीर आपको दिखाने जा रहे हैं यकीन मानिए उसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कैसे यहां के लोग अपना जीवन बसर कर रहे हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रही यह तस्वीरें सिरमौर के पांवटा...
सिरमौर (सतीश): आज हम आपको सिरमौर जिला के दुर्गम इलाके की जो तस्वीर आपको दिखाने जा रहे हैं यकीन मानिए उसे देखकर आप भी हैरान हो जाएंगे और सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कैसे यहां के लोग अपना जीवन बसर कर रहे हैं। सोशल मीडिया में वायरल हो रही यह तस्वीरें सिरमौर के पांवटा साहिब विकास खंड की छछेती पंचायत की हैं जहां क्यारी व डांडुआ के लोगों के लिए बरसात मौत बनकर आती है।
सड़क सुविधा न होने के चलते यहां बरसात के कारण बीच में पड़ने वाली गिरि नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, जिस कारण जान आफत में पड़ जाती है। तस्वीरों में देखिए की कैसे एक मरीज को बांस के डंडो का सहारे बारिश के बीच सड़क की तरफ पहुंचाया जा रहा है। जरा सी गलती हुई तो समझो मौत तय है, क्योंकि नीचे गहरी गिरि नदी बह रही है जो अपने उफान पर है।
बरसात में यहां छात्र अगर स्कूल चले जाएं तो 15 दिन तक वापस नहीं लौटते हैं। यदि आना हो तो मजबूरन 60 किलोमीटर बस के सफर के बाद 11 किलोमीटर खतरनाक जंगलों का रास्ता पैदल तय करना पडे़गा। इनके रोजमर्रा के लिए के लिए बरसात में यहां नदी पार करनी पड़ती है। इसलिए कई बार तो बच्चो को कई बार दूसरों के घरों में शरण लेनी पड़ती है। तस्वीरों में देखिए की कैसे छात्र यहां ढांक वाले रास्ते से स्कूल की तरफ जा रहे हैं। जरा सी गलती यहां स्कूली बच्चों को उनकी जान पर भारी पड़ सकती है।
हर रोज उफनती गिरी नदी का सामना करने के लिए मजबूर रहते हैं। आपको शायद यह भी अविश्वसनीय लगे, लेकिन हकीकत है कि चंद रोज पहले जान हथेली पर रखकर इन दो गांवों के कुछ लोगों ने गिरी नदी के किनारे पैदल चलने के लिए रास्ता बनाने का साहस जुटाया। 30 मीटर रास्ता बना ही था कि बारिश शुरू हो गई। काम अधूरा छोड़ना पड़ा। जान जोखिम में डालकर 30 मीटर रास्ता भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गया।