Edited By Ekta, Updated: 04 Sep, 2018 10:28 AM
राज्य सरकार ने गैर-हिमाचली लोगों को मकान बनाने के लिए 500 वर्ग मीटर जमीन देने को लेकर वर्ष, 2014 में लिए निर्णय पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। इसके तहत अब राज्य सरकार नए सिरे से विधि विशेषज्ञों की राय लेने के बाद नियमों में संशोधन करने पर विचार कर...
शिमला (कुलदीप): राज्य सरकार ने गैर-हिमाचली लोगों को मकान बनाने के लिए 500 वर्ग मीटर जमीन देने को लेकर वर्ष, 2014 में लिए निर्णय पर अस्थाई तौर पर रोक लगा दी है। इसके तहत अब राज्य सरकार नए सिरे से विधि विशेषज्ञों की राय लेने के बाद नियमों में संशोधन करने पर विचार कर रही है। यह विवाद राजस्व विभाग की तरफ से डी.सी. कांगड़ा को दिए गए उस स्पष्टीकरण के बाद उपजा था, जिसमें गैर-हिमाचली लोगों के बच्चों को जमीन देने को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई थी। सूत्रों के अनुसार इसमें राजस्व विभाग से पूछा गया था कि क्या गैर-हिमाचली लोगों के बच्चों को जमीन दी जा सकती है।
विभाग की तरफ से नियमों की व्याख्या करते हुए स्पष्ट किया गया था कि 30 साल से प्रदेश में रहे गैर-हिमाचली व्यक्ति या फिर राज्य में नौकरी करने वाले लोग मकान बनाने के लिए 500 वर्ग मीटर जमीन ले सकते हैं। इसके लिए वर्ष, 2014 में धारा-118 के रूल-38 ए में प्रावधान किया गया था। बाद में यह मामला सोशल मीडिया में आया, जिसके ऊपर विवाद खड़ा हो गया है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार धारा-118 को लेकर उपजे विवाद पर नए सिरे से नियमों में संशोधन करने पर विचार कर रही है। इसके तहत पूर्व में किए गए प्रावधानों पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है।
क्या कहते हैं नियम
सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल सरकार के समय वर्ष, 2011 में धारा-118 के तहत बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए नियमों में छूट दी गई थी। बोनाफाइड हिमाचली की श्रेणी में 20 वर्ष तक राज्य में रहने वाले लोग आते हैं। इसके बाद वर्ष, 2014 में धारा-118 के तहत पूर्व वीरभद्र सिंह सरकार ने प्रदेश में सेवाएं देने वाले सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए नियमों में अलग से संशोधन किया था।
सरकार ने रोक लगाई: जयराम ठाकुर
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार ने गैर-हिमाचली लोगों को मकान के लिए जमीन देने के निर्णय पर फिलहाल रोक लगा दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश के लोगों के हितों से खिलवाड़ नहीं होने देगी और प्रदेश हित में काम करेगी।