जगदीश चंद सिपहिया को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट में याचिका खारिज

Edited By Vijay, Updated: 25 Oct, 2018 11:36 PM

jagdish chand siphia not gets relief petition rejected in highcourt

कांगड़ा सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक के अध्यक्ष जगदीश चंद सिपहिया को निलंबित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जगदीश चंद सिपहिया द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है।

शिमला: कांगड़ा सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक के अध्यक्ष जगदीश चंद सिपहिया को निलंबित करने से जुड़े मामले में हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने जगदीश चंद सिपहिया द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि इस मामले में सरकार ने प्रार्थी को आश्वस्त किया था कि इस याचिका के लंबित रहते नए सिरे से घोषित किए गए चुनाव कार्यक्रम पर अमल नहीं किया जाएगा। 

रजिस्ट्रार को-आप्रेटिव सोसायटी ने पहले 6 अप्रैल व अब 19 जुलाई को पारित आदेशों में के.सी.सी. बैंक के अध्यक्ष सहित सभी निदेशकों को निलंबित कर दिया था। 6 अप्रैल के आदेशों को 19 जुलाई को तकनीकी कारण बताते हुए वापस ले लिया गया था और उसी दिन नए आदेश पारित कर फिर से उन्हें निलंबित कर दिया था। रजिस्ट्रार को-आप्रेटिव सोसायटी व कांगड़ा सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक को इस मामले में प्रतिवादी बनाया गया था। 

उल्लेखनीय है कि कांगड़ा सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक में कई तरह की अनियमितताएं बरतने के आरोपों को लेकर 6 अप्रैल 2018 को रजिस्ट्रार को-आप्रेटिव सोसायटी ने प्रार्थी जगदीश सिपहिया सहित कुलदीप सिंह पठानिया, अजीत पाल महाजन, प्रेमलता ठाकुर, करनैल सिंह राणा, केशव कोरला, आत्मप्रकाश ठाकुर, छेरिंग ताशी, मनोहर लाल, राजीव गौतम, लेखराज कंवर, सुनील दत्त, संजीव राणा, हितेश्वर सिंह व प्रकाश चंद को क्रमश: अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, व निदेशकों के पदों से निलंबित कर दिया था। सिपहिया ने इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी परंतु कोर्ट के फैसले से पहले ही सरकार ने निलंबन आदेश वापस ले लिया था। 

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