Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Jul, 2017 01:48 PM
अगर मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा और जुनून हो तो हौसले से राह निकल ही आती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल के बेटे अंशु कौशल ने।
ऊना: अगर मन में कुछ कर दिखाने का जज्बा और जुनून हो तो हौसले से राह निकल ही आती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हिमाचल के बेटे अंशु कौशल ने। उसने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में प्रतिभा के झंडे गाड़े हैं। ऊना शहर के वार्ड नंबर दो गुरुसर मोहल्ला निवासी कपड़ा व्यापारी अश्वनी कुमार के घर जन्मे अंशु इसरो में बतौर साइंटिस्ट अपनी सेवाएं देगा। अंशु का चयन इसरों में होने से हिमाचल का नाम रोशन हुआ है। 11 जुलाई को वह श्री हरिकोटा स्पेस सेंटर के लिए चंडीगढ़ से रवाना होगा। उसने माउंट कार्मल स्कूल रक्कड़ कॉलोनी में 10वीं कक्षा तक पढ़ाई पूरी की।
एपीजी अब्दुल कलाम की तरह बनने का है सपना
इसके बाद श्रीश्री रविशंकर स्कूल ऊना में 12वीं की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद आईआईटी रोपड़ में मेकेनिकल इंजीनियर की डिग्री हासिल की। तभी वहां इसरो सेलेक्शन कमेटी ने मेकेनिकल की डिग्री कर रहे विद्यार्थियों का साक्षात्कार लिया। इसके माध्यम से कमेटी ने देशभर से कुल 26 विद्यार्थियों का चयन किया, जिसमें ऊना से अंशु कौशल का नाम भी शामिल था। अब वह डिग्री पूरी कर लेने के बाद आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा सतीश धवन स्पेस सेंटर में 12 जुलाई को रिपोर्ट करेंगे। अंशु ने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और बडे़ पिता को दिया है। उसने कहा कि उनका सपना भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक रहे डा. एपीजी अब्दुल कलाम की तरह बनना है। उन्हीं के आदर्शों पर चलते हुए उन्होंने सफलता हासिल की है।