IPH मंत्री ने सदन में पेश किया ये प्रस्ताव, सत्तापक्ष-विपक्ष ने ध्वनिमत से किया पास

Edited By Vijay, Updated: 14 Dec, 2018 10:10 PM

iph minister presented this proposal in house power opposition passed this

सेना में भर्ती के लिए हिमाचल राज्य का कोटा बढ़ाने जाने और नई हिमालयन रैजीमैंट के गठन का प्रस्ताव हिमाचल विधानसभा ने आम सहमति से पास किया है। ध्वनिमत से पास किए गए इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि सशस्त्र बलों में हिमाचल के युवाओं के...

तपोवन (धर्मशाला) (सुरेन्द्र): सेना में भर्ती के लिए हिमाचल राज्य का कोटा बढ़ाने जाने और नई हिमालयन रैजीमैंट के गठन का प्रस्ताव हिमाचल विधानसभा ने आम सहमति से पास किया है। ध्वनिमत से पास किए गए इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, ताकि सशस्त्र बलों में हिमाचल के युवाओं के लिए कोटा बढ़ाया जाए और नई रैजीमैंट का गठन किया जा सके। आई.पी.एच. मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को विधानसभा में नियम 102 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया, जिस पर पक्ष और विपक्ष ने सहमति प्रकट करते हुए इसे पास कर दिया। प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए मंत्री ने कहा कि देश में हुए 3 युद्धों तथा 1999 के अघोषित युद्ध में हिमाचल के अनेक जांबाज सैनिकों ने कुर्बानियां दीं। 70 लाख की आबादी वाले इस प्रदेश में 1 लाख 15 हजार पूर्व सैनिक हैं। हिमाचल के वीर सैनिकों की वजह से यहां 4 परमवीर चक्र, 2 अशोक चक्र, 10 महावीर चक्र तथा 21 कीर्ति चक्र सहित 1037 बहादुर जवानों को विभिन्न पुरस्कार हासिल हो चुके हैं।

पहले देश में विभिन्न राज्यों के नाम पर होता था रैजीमैंट का गठन

उन्होंने कहा कि 1985 से पहले देश में विभिन्न राज्यों के नाम पर रैजीमैंट का गठन होता था लेकिन इसके बाद किसी जाति और क्षेत्र के नाम पर रैजीमैंट का गठन करने पर रोक लगा दी गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल के नाम पर रैजीमैंट का गठन नहीं हो सकता तो हिमालयन रैजीमैंट के नाम पर नई रैजीमैंट का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने देश के विभिन्न स्थानों पर वी.वी.आई.पी. ड्यूटी पर हिमाचल के जवानों द्वारा निभाए जा रहे सराहनीय दायित्वों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल का भर्ती कोटा जनसंख्या के आधार पर सीमित कर दिया गया है, ऐसे में इसे बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि सेना के जरिए देश सेवा का जज्बा प्रदेश के युवाओं में है।

युवाओं के लिए भर्ती हेतु जनसंख्या को आधार नहीं बनाना चाहिए

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि हिमाचल के युवाओं के लिए भर्ती हेतु जनसंख्या को आधार नहीं बनाना चाहिए। विधायक कर्नल धनी राम शांडिल ने भी प्रदेश के असंख्य सैनिकों व उनके परिवारों द्वारा देश की रक्षा में दिए जा रहे योगदान की सराहना करते हुए प्रस्ताव का समर्थन किया। विधायक कर्नल इंद्र सिंह, राम लाल ठाकुर, सुरेश कश्यप, इंद्र दत्त लखनपाल, राकेश सिंघा और विक्रम जरियाल सहित नेता विपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए इसे प्रदेश हित में करार दिया।

विधायक जगत सिंह नेगी ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल

इस प्रस्ताव पर किन्नौर के विधायक जगत सिंह नेगी ने समर्थन तो दिया लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनावों से पहले प्रस्ताव पेश करने की सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अब जबकि केंद्र की सरकार के कुछ माह बचे हैं, ऐसे में इस प्रस्ताव को पेश किए जाने के पीछे राजनीतिकरण भी है। इस मामले पर कुछ देर के लिए सदन में नोक-झोंक भी हुई। मुख्यमंत्री ने जगत सिंह नेगी के वक्तव्य को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि विधायक द्वारा उठाए गए सवालों से प्रस्ताव की भावना आहत हुई है। उन्होंने कहा कि जब पूर्व में कांग्रेस सरकार रही तो ऐसा प्रस्ताव पास क्यों नहीं किया गया।

प्रदेश हित में है प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव प्रदेश हित में है। देश की रक्षा में हिमाचल के जवानों ने अपने बलिदान दिए हैं। इससे पहले कुछ सदस्यों ने प्रस्ताव पास करने के साथ-साथ एक सर्वदलीय समिति के गठन का सुझाव भी सरकार को दिया ताकि केंद्र सरकार के समक्ष इस मामले को मजबूती के साथ उठाया जा सके। विधायकों का कहना था कि प्रस्ताव पास करने के साथ-साथ यदि सर्वदलीय समिति इस मामले में केंद्र के समक्ष मजबूत पक्ष रखे तो प्रदेश की यह मांग पूरी हो सकती है।

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