Edited By Ekta, Updated: 12 Jul, 2018 11:13 AM
इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बबलू पंडित ने अपना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने राज्य इंटक से संबंध हिमाचल पथ परिवहन निगम कर्मचारी महासंघ की कार्यकारिणी गठित कर दी है। इसके तहत उन्होंने धर्मशाला से संबंध रखने वाले जगरूप सिंह को महासंघ...
शिमला (राक्टा): इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बबलू पंडित ने अपना कुनबा बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में उन्होंने राज्य इंटक से संबंध हिमाचल पथ परिवहन निगम कर्मचारी महासंघ की कार्यकारिणी गठित कर दी है। इसके तहत उन्होंने धर्मशाला से संबंध रखने वाले जगरूप सिंह को महासंघ का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके साथ ही वरिष्ठ उपप्रधान के पद पर मंडी से प्रेम सिंह रावत तथा महामंत्री के पद पर निस्सार अहमद की ताजपोशी की है। इसके अतिरिक्त धर्मशाला के प्रदीप बलोरिया को राज्य प्रवक्ता बनाया गया है। वरिष्ठ इंटक नेता और पूर्व में महासंघ के अध्यक्ष रह चुके रजनेश शर्मा को वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया है।
बबलू पंडित ने कहा कि सदस्य संख्या के आधार पर पहले नंबर पर चलने वाले इंटक से जुड़ा यह महासंघ सदस्य संख्या के आधार पर काफी पिछड़ चुका है। उन्होंने कहा कि उक्त महासंघ में काबिज पूर्व नेताओं की हठधर्मिता और मनमानी के चलते अधिकांश कर्मचारी संगठन से या तो दूरी बनाए हुए हैं या दूसरे संगठनों का रास्ता देख चुके हैं। यहां तक कि विगत में इस संगठन से जुड़े चालकों व परिचालकों ने भी अपना अपना स्वतंत्र संगठन बना लिया तथा कर्मशाला से जुड़े कर्मचारियों को भी अपना अस्तित्व बचाने के लिए अपने लिए अलग संगठन खड़ा करना पड़ता था। बबलू पंडित ने कहा कि जल्द ही कार्यकारिणी का विस्तार कर लिया जाएगा।
संगठन की गरिमा को बहाल करें
बबलू पंडित ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सम्मानपूर्वक ढंग से महासंघ के सभी सदस्यों को विश्वास में लेकर हिमाचल प्रदेश में परिवहन निगम के हर क्षेत्र में कार्यकारिणी का गठन करें। इसके साथ ही कर्मचारियों की मांगों को पुरजोर तरीके से उठाते हुए उनका निराकरण करवाएं। महासंघ से किनारा कर चुके या दूरी बनाए हुए कार्यकर्ताओं को सम्मान सहित इस संगठन में लाकर संगठन की पुरानी गरिमा को बहाल करें।
बावा दे चुके हैं नोटिस
प्रदेश श्रम एवं कामगार बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हरदीप बावा बबलू पंडित की इंटक के अध्यक्ष पद पर की गई नियुक्ति को असंवैधानिक करार दे चुके हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को इंटक प्रदेशाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई अधिकार नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सहित कुछ अन्य नेताओं को कानूनी नोटिस भी दिया है। यह नोटिस बिना किसी सबूत के इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. जी. संजीवा रैड्डी के नेतृत्व वाले इंटक को गैर-कानूनी करार देने पर दिया गया है।