Edited By Vijay, Updated: 01 Jan, 2020 06:12 PM
पब्लिक व्हीकल की ट्रैकिंग व यात्रियों की सुरक्षा के लिए हिमाचल परिवहन विभाग ने अभी तक कंट्रोल रूम या कंमाड सैंटर का काम शुरू नहीं किया है। परिवहन विभाग बीएसएनलएल को कंट्रोल सैंटर का काम देने की बजाय एक अनुभवहीन कंपनी को देने की फिराक में है। इसके...
शिमला (तिलक राज): पब्लिक व्हीकल की ट्रैकिंग व यात्रियों की सुरक्षा के लिए हिमाचल परिवहन विभाग ने अभी तक कंट्रोल रूम या कंमाड सैंटर का काम शुरू नहीं किया है। परिवहन विभाग बीएसएनलएल को कंट्रोल सैंटर का काम देने की बजाय एक अनुभवहीन कंपनी को देने की फिराक में है। इसके कारण कंट्रोल सैंटर बनाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ कमल सोई ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान परिवहन विभाग पर आरोप लगाया है कि विभाग कंट्रोल रूम बनाने का काम चंढीगढ़ की एक अनुभवहीन कंपनी को देने की फिराक में है जबकि यह काम सरकारी कंपनी बीएसएनएल को मिलना चाहिए था। उनका कहना है कि दिल्ली, ओडिशा, झारखंड और जम्मू में कंट्रोल रूम स्थापित किए जा चुके हैं। इन राज्यों में बीएसएनएल की ओर से यह काम किया गया है जबकि हिमाचल प्रदेश में यह काम बीएसएनएल को देने की बजाय निजी व अनुभवहीन कंपनी को देने की बात हो रही है।
वाहनों के डाटा का हो सकता है गलत इस्तेमाल
उन्होंने संदेह जताया है कि अगर निजी कंपनी को यह काम दिया जाता है तो इससे निजी कंपनी के पास वाहनों का डाटा चला जाएगा। इससे डाटा के गलत इस्तेमाल की संभावनाए बढ़ जाएंगी। उन्होंने मांग की है कि कंट्रोल रूम स्थापित करने का काम निजी कंपनी को देने की बजाय बीएसनएल को ही दिया जाए। उन्होंने बताया कि इस बारे में उनकी ओर से सरकार को भी पत्र लिखा गया है। उनकी मानें तो प्रदेश के कम से कम 4 लाख के करीब पब्लिक वाहनों में जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगना है लेकिन अभी तक कंट्रोल रूम बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है।
इसलिए बनना है कंट्रोल रूम
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने पब्लिक वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीपीएस व व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा सभी पब्लिक वाहनों में एक पैनिक बटन भी लगना है, जिसका उपयोग आपातकालीन स्थिति में किया जाएगा। पैनिक बटन दबाने से कंट्रोल रूम में मैसेज जाएगा और कंट्रोल रूम से मैसेज सीधा पुलिस व एम्बुलैंस को जाएगा। वाहनों में लगने वाले व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम की मॉनीटरिंग के लिए कंट्रोल रूम की स्थापना की जानी है।