सत्ता धर्म का अपमान, बेदर्द हुकूमत, लाचार किसान : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 25 Dec, 2020 04:03 PM

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कृषि कानूनों के विरोध में हाल-बेहाल देश का किसान सड़कों पर ठंड से ठिठुर रहा है, मर रहा है। लेकिन सत्ता अहम में मगरूर सरकार चैन की नींद सो रही है।

हमीरपुर : कृषि कानूनों के विरोध में हाल-बेहाल देश का किसान सड़कों पर ठंड से ठिठुर रहा है, मर रहा है। लेकिन सत्ता अहम में मगरूर सरकार चैन की नींद सो रही है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर अब बीजेपी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक देश की अधिकांश आबादी मोर्चा खोल चुकी है। यही नहीं अब दुनिया की अधिकांश सरकारें भारत सरकार के बेदर्द रवैये को लेकर चिंतित हो रही हैं। देश का हर वर्ग किसानों की खराब होती हालत को लेकर संवेदनशीलता दिखाता हुआ किसानों के साथ आ खड़ा हुआ है। लेकिन सत्ता घमंड में बेदर्द सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। कृषि कानूनों को लेकर देश में फसल उगाने वाले बड़ा किसान वर्ग इस वक्त सबसे ज्यादा नाराज है। अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र, बिहार के साथ अधिकांश राज्यों के किसान इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं। 

अब दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका के 7 प्रभावशाली सांसदों ने अमेरिकी विदेश मंत्री माईक पोपियो को पत्र लिखा है, जिनमें भारतीय-अमेरिकी मूल की सांसद प्रोमिला जयसवाल भी शामिल है। इन अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखकर पोपियो से अपील की है कि वह किसानों के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा भारत सरकार के सामने उठाए। जबकि देश में आम आदमी से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटी व अन्य शिक्षित वर्गों के लोग किसानों के इस आंदोलन को लेकर बेहद चिंतित हैं। बावजूद इसके बीजेपी सरकार किसानों की समस्या को लेकर बेदर्द बनी हुई है। उन्होंने कहा कि यह तो वही बात हो गई कि देश जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था। ऐसे ही केंद्र सरकार किसानों की समस्या से ज्यादा अपने हितों को साधते हुए सत्ता सुख में मशरूफ है। जबकि सरकार व अडानी-अंबानी के अंधभक्त कृषि बिलों को किसान का हितैषी बता रहे हैं। 

राणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि देश भले ही सरकार की बात समझने में देरी कर चुका है, लेकिन सरकार ने तो पहले ही कह दिया था कि वह सिर्फ चौकीदार हैं। असली मालिक तो अडानी-अंबानी हैं और उन्हीं की पैरवी को लेकर सरकार किसानों को कुचलने की जिद्द पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर किसानों पर हो रहा जुल्म व कुर्बानियां बेकार नहीं जाएंगी। भले ही उसमें कुछ समय लगे लेकिन गरीब किसान को कुचलने पर अमादा हुई सरकार एक दिन औंधे मुंह जरुर गिरेगी। देश के कॉर्पोरेटरों की पैरवी करने वाली सरकार को एक न एक दिन इस सबका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। क्योंकि बेदर्द हाकिमों की हुकूमत ज्यादा देर नहीं चलती है।
 

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