उद्योग मंत्री बोले- गलतफहमी न पाले विपक्ष, सरकार देख चुकी है सभी की जन्मपत्रियां

Edited By Ekta, Updated: 11 Sep, 2018 09:45 AM

industry minister says wrong perception neither side opposition

देश के उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से उद्योगों से जुड़े मामलों, सैंट्रल यूनिवर्सिटी पर उनका स्टैंड, सीमैंट के बढ़ते दामों सहित अन्य मामलों पर सवाल किए गए। इस दौरान उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने अभी तक सिंगल विंडो स्वीकृति एवं प्राधिकरण...

कांगड़ा: देश के उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से उद्योगों से जुड़े मामलों, सैंट्रल यूनिवर्सिटी पर उनका स्टैंड, सीमैंट के बढ़ते दामों सहित अन्य मामलों पर सवाल किए गए। इस दौरान उन्होंने बताया कि हिमाचल सरकार ने अभी तक सिंगल विंडो स्वीकृति एवं प्राधिकरण द्वारा प्रदेश में 59 नई औद्योगिक इकाइयों को स्वीकृति दी गई है, जिसमें 26 नए उद्योग हैं और 33 औद्योगिक विस्तारीकरण के मामले हैं। इन नए उद्योगों द्वारा प्रदेश में तकरीबन 2413.76 करोड रुपए का निवेश किया जा रहा है और इस से 4723 लोगों को रोजगार की व्यवस्था होगी।  

खनन रुक नहीं रहा, इसकी मूल वजह विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता मानी जा रही है। ऐसा क्यों?
ऐसा नहीं है। खनन को रोकने के लिए विभाग के अधिकारी सफलता पूर्वक जोखिम भरा कार्य कर रहे हैं। माइनिंग एक्ट में संशोधन किया गया है। जुर्माने की राशि को भी बढ़ाया गया है। माना कि अवैध खनन रोकना चुनौती है लेकिन हम इसका सामना करने को पूरी तरह तैयार हैं। अधिकारी निष्पक्ष तरीके से काम कर रहे हैं। विभाग के अधिकारी पूरी तरह से सक्रिय हैं। 

केंद्रीय विश्वविद्यालय देहरा के बारे में आपका क्या स्टैंड है?
सैंट्रल यूनिवर्सिटी के संदर्भ में हमने अपना पक्ष मजबूती से रखा है। शीघ्र ही सैंट्रल यूनिवर्सिटी का शिलान्यास होगा। धर्मशाला और देहरा दोनों जगह पर शिलान्यास होगा। 

सरकार पर आरोप लग रहे हैं कि सरकार अपने आदेशों पर ही अडिग नहीं, उदाहरण नो टायर्ड और रिटायर्ड वाला डिसीजन बदलना पड़ा, तबादले बंद हैं फिर भी धड़ाधड़ हो रहे हैं?
टायर्ड और रिटायर्ड लोगों को सरकार ने घर भेजा है। नई सरकार कायदे से कार्य कर रही है। जहां तक तबादलों से संबंधित सवाल है तो विशेष परिस्थितियों में सी.एम. को ट्रांसफर करने का पूरा अधिकार है।

आपका कोई ड्रीम प्रोजैक्ट?
जसवां-परागपुर विस क्षेत्र को मॉडल विस बनाना मेरा ड्रीम प्रोजैक्ट है। ऐसा इसलिए नहीं कि मैं यहां से चुनाव लड़ता हूं बल्कि इसलिए कि यह विस क्षेत्र विकास की दृष्टि से बहुत पिछड़ा हुआ है। मॉडल आई.टी.आई. संसारपुर टैरेस के अंदर खोली गई है। कूहना में फार्मेसी कालेज के अलावा जसवां-परागपुर विस क्षेत्र में सड़कों के निर्माण व मुरम्मत के लिए 3 करोड़ रुपए खर्च होंगे क्योंकि विकास की यात्रा सड़कों से शुरू होती है। इसलिए हमारा उद्देश्य सड़कों को दुरुस्त करना है। 

उद्योगों के लिए कोई नई रियायतें?
केंद्र सरकार ने नॉर्थ और ईस्ट के पैटर्न पर हिमाचल प्रदेश के अंदर भी मशीनरी पर सबसिडी दी है। इंडस्ट्री के बीमे पर भी प्रीमियम केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शुरू होने से प्रदेश के युवा इस स्कीम का लाभ उठाने में रुचि दिखा रहे हैं। 

हिमाचल में कितने नए उद्योग आए हैं? कहां-कहां जगह चिन्हित हुई है?
63 नए उद्योग हिमाचल प्रदेश के अंदर आए हैं। बद्दी-बरोटीवाला, नालागढ़, ऊना एवं शिमला के दुर्गम क्षेत्रों के अंदर उद्योग स्थापित होंगे। उपयुक्त जगहों की तलाश जारी है।

प्रदेश के अंदर अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने क्या और किस तरह के अलग कदम उठाए हैं?
निर्दोष को छेड़ेंगे नहीं और दोषियों को छोड़ेंगे नहीं। राजनीतिक संरक्षण की कोई भी गलतफहमी न पाले। मेरा काम करने का तरीका अलग है। सी.सी.टी.वी. कैमरों से बड़ी मछलियां पकड़ में आएंगी। 

हिमाचल में सीमैंट पंजाब से महंगा क्यों बिक रहा है?
सीमैंट कम्पनियों से बात की है, जिस कारण प्रदेश के अंदर 8 से लेकर 14 रुपए तक प्रति बैग कम हुए हैं। वार्ता आगे भी जारी रहेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाकर सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। इसके बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?
प्रदेश सरकार आलोचना से नहीं डरती लेकिन आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए। विपक्ष गलतफहमी न पाले। सरकार सभी की जन्म पत्रियां देख चुकी है। वैसे भी इन दोनों नेताओं में आपसी रेस छिड़ी हुई है कि कोई दूसरा आगे न निकल जाए। 

परागपुर के लिए कोई इंडस्ट्री ला रहे हैं? अगर हां तो कितनी? अगर नहीं तो क्यों?
जसवां-परागपुर विस क्षेत्र के अंदर संसारपुर टैरेस बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, इसे विकसित करना प्राथमिकता है। चनौर को औद्योगिक क्षेत्र घोषित किया गया है और यह देहरा और जसवां-परागपुर दोनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए वरदान साबित होगा। जसवां-परागपुर क्षेत्र के अंदर जहां भी जमीन की उपलब्धता होगी, वहां उद्योग स्थापित करने के प्रयास किए जाएंगे।

प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए सिंगल विंडो से मंजूरी तो मिल रही है लेकिन शीघ्र मंजूरी न मिलने के कारण मामले बड़ी तादाद में लंबित हैं। ऐसा क्यों?
नहीं, ऐसा नहीं है। हर उद्योग को धारा 118 से नहीं गुजरना होता, जहां आवश्यक होता है वहां त्वरित कार्रवाई होती है।

पूर्व सरकार के कार्यकाल में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र में पैसे लेकर मनरेगा कामगारों को साइकिलें और वाशिंग मशीनें बांटी गई थीं। क्या आपके द्वारा विधानसभा के अंदर उठाया गया यह मामला तथ्यों पर आधारित था?
बिल्कुल तथ्यों पर आधारित था और इस संदर्भ में जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

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