हिमाचल के उद्योगों को मिलने वाली रियायत पर अमल शुरू,इन इकाइयों को मिलेगा लाभ

Edited By Ekta, Updated: 29 Jun, 2018 09:50 AM

industries of himachal meet to wally on concession start of execution

हिमाचल प्रदेश के उद्योगों को केंद्रीय औद्योगिक विकास योजना, 2017 के तहत मिलने वाली रियायतों पर अमल शुरू हो गया है। इसके तहत 30 सितम्बर तक केंद्रीय औद्योगिक नीति और संवद्र्धन विभाग में पंजीकरण करवाया जा सकता है। यह योजना 10 मैगावाट तक जल विद्युत...

शिमला: हिमाचल प्रदेश के उद्योगों को केंद्रीय औद्योगिक विकास योजना, 2017 के तहत मिलने वाली रियायतों पर अमल शुरू हो गया है। इसके तहत 30 सितम्बर तक केंद्रीय औद्योगिक नीति और संवद्र्धन विभाग में पंजीकरण करवाया जा सकता है। यह योजना 10 मैगावाट तक जल विद्युत उत्पादन इकाइयों और जैव प्रौद्योगिकी पर भी लागू होगी। डी.आई.पी.पी. पोर्टल पर पंजीकरण के लिए आवेदन करने के लिए वैब लिंक भी उपलब्ध है। 


उद्योग विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि औद्योगिक विकास योजना की मुख्य विशेषताओं में केंद्रीय पूंजी व ऋण प्राप्ति के लिए निवेश प्रोत्साहन (सी. सी.आई.आई.ए.सी.) 30 फीसदी की दर पर तथा निवेश संयंत्र और मशीनरी में 5 करोड़ रुपए की दर तक उच्च सीमा के साथ शामिल है। सभी पात्र औद्योगिक इकाइयां तथा मौजूदा इकाइयां जिनके अंतर्गत सभी भारतीय अग्नि नीति ‘सी’ शुल्क के अनुसार योग्य इकाइयों को शामिल किया गया है, ऐसी सभी इकाइयां शत-प्रतिशत बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति के लिए पात्र होंगी। प्रवक्ता ने कहा कि यह घोषणा निश्चित रूप से राज्य में नए निवेश को आकर्षित करेगी तथा मौजूदा उद्योगों को बनाए रखने के लिए मील का पत्थर साबित होगा।


राज्य सरकार ने ‘ई-भूमि ऑनलाइन प्रणाली’ शुरू की
प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने ई-भूमि ऑनलाइन प्रणाली को आरम्भ किया है। इस पोर्टल पर प्रदेश में औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए उपलब्ध व्यक्तिगत भूमि व संपत्ति की जानकारी उपलब्ध होगी। उद्योग विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इस पोर्टल पर कोई भी व्यक्ति जो अपनी भूमि व सम्पत्ति बेचने का इच्छुक हो, वह सूचीबद्ध कर सकता है। भूमि की बिक्री के लिए सरकारी तथा निजी क्षेत्र की विकासात्मक परियोजनाओं के लिए भूमि को सहज रूप से सूचीबद्ध करना ई-भूमि ऑनलाइन प्रणाली की मुख्य विशेषता है। 


प्रवक्ता ने बताया कि यह प्रणाली प्रदेश भर में इच्छुक भूमि क्रेताओं के लिए भूमि उपलब्धता की जानकारी प्रदान करती है। कलैक्टर दर पर सूची उपलब्ध होने से खरीददारों को परियोजनाओं के लिए धन का प्रबंधन करने में आसानी होती है। हिमाचल प्रदेश में सरकार की तरफ से भूमि बेचने व खरीदने के लिए कोई भी कमीशन नहीं ली जाती है। इस प्रणाली के परिणामस्वरूप सम्पत्ति लेन-देन में एग्रीगेटर और कमीशन एजैंटों की आवश्यकता समाप्त हुई है। यह प्रणाली किसी आवेदक/भूमि मालिक को अपने मोबाइल नम्बर के माध्यम से कहीं भी पंजीकरण और लॉग-इन करने की सुविधा देती है।

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