Edited By Ekta, Updated: 11 Jun, 2018 09:09 AM
इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के घोटाले की जांच का दायरा बाहरी राज्य तक पहुंच गया है। इसके तहत फरार कंपनी की बाहरी राज्यों में स्थापित कार्यालयों और संपत्तियों को पता लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों से सहयोग लिया जा है। सूचना के अनुसार इसी कड़ी में पंजाब,...
शिमला (राक्टा): इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के घोटाले की जांच का दायरा बाहरी राज्य तक पहुंच गया है। इसके तहत फरार कंपनी की बाहरी राज्यों में स्थापित कार्यालयों और संपत्तियों को पता लगाने के लिए पड़ोसी राज्यों से सहयोग लिया जा है। सूचना के अनुसार इसी कड़ी में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली सहित अन्य प्रदेशों की सरकारों से संपर्क साध कंपनी की संपत्तियों और कार्यालयों की जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा गया है ताकि उस आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। सूत्रों के अनुसार करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाली कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने कई बेनामी संपत्तियां बनाई व देश-विदेश की कंपनियों में निवेश किया।
इसके साथ ही हिमाचल के अतिरिक्त कंपनी के निदेशकों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली सहित कई राज्यों में भी बेनामी संपत्तियां खरीदने के आरोप लग रहे हैं, ऐसे में संबंधित राज्यों की सरकारों से तालमेल स्थापित कर जानकारी जुटाई जा रही है ताकि कंपनी द्वारा किए गए घोटोले की भरपाई की जा सके। उल्लेखनीय है कि जिला सिरमौर के नाहन में स्थापित इंडियन टैक्नोमैक कंपनी के कर्ताधर्ता हिमाचल प्रदेश आबकारी एवं कराधान विभाग, प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड और 1 दर्जन से अधिक बैंकों को करोड़ों की चपत लगाकर फरार हो गई थी। आबकारी विभाग भी अपने स्तर पर उक्त मामले की जांच कर रहा है जबकि स्टेट सी.आई.डी. द्वारा कंपनी के घोटाले को लेकर दो मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें बिजली बोर्ड को साढ़े चार करोड़ से अधिक का चूना लगाए जाने से जुड़े मामले में चालान पेश कर दिया गया है।
विदेशी खातों में तो नहीं करवाया जमा
जांच के तहत यह भी छानबीन हो रही है कि कंपनी ने एक दर्जन से अधिक बैंकों से 2250 करोड़ के करीब जो कर्ज फैक्टरी के लिए लिया था, उसे कहां-कहां निवेश किया? अंदेशा जताया जा रहा है कि बैंकों से करोड़ो रुपए का कर्जा लेकर अन्य कंपनियों में निवेश किया गया। इसके साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि कहीं कर्ज के रूप में लिया गया पैसा विदेशी खातों में तो जमा नहीं करवाया गया? सी.आई.डी. की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में कंपनी द्वारा किए गए करोड़ों के धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल हैं। इसके तहत विभागीय स्तर पर भी कुछ चेहरे जांच दायरे में आ सकते हैं।