इंडियन टैक्नोमैक घोटाले का मास्टर माइंड दुबई में गिरफ्तार, रिपोर्ट तैयार करने में जुटी CID

Edited By Vijay, Updated: 25 Dec, 2019 09:17 PM

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हिमाचल में 4300 करोड़ से अधिक के घोटाले को अंजाम देकर फरार होने वाले मास्टर माइंड राकेश शर्मा के दुबई में पकड़े जाने के बाद स्टेट सीआईडी ने आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश शर्मा के पकड़े जाने संबंधी लिखित में कोई...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल में 4300 करोड़ से अधिक के घोटाले को अंजाम देकर फरार होने वाले मास्टर माइंड राकेश शर्मा के दुबई में पकड़े जाने के बाद स्टेट सीआईडी ने आगामी प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि घोटाले के मुख्य आरोपी राकेश शर्मा के पकड़े जाने संबंधी लिखित में कोई जानकारी जांच एजैंसी को अभी नहीं मिली है लेकिन सीआईडी ने विदेश मंत्रालय को भेजे जाने वाली रिपोर्ट को तैयार करना शुरू कर दिया है।

सीआईडी की जानकारी से पकड़ा गया भगौड़ा कंपनी मालिक

आरोपी के खिलाफ इंटरपोल से रैड कॉर्नर नोटिस जारी करवाने के लिए भी जांच एजैंसी ने एक रिपोर्ट तैयार की थी, जिसके आधार पर उसे दुबई में वहां की स्थानीय पुलिस ने पकड़ कर हिरासत में लिया। उसके पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज भी कब्जे में लिए गए हैं, ऐसे में वहां की सरकार से आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट मिलने के बाद स्टेट सीआईडी विदेश मंत्रालय से पत्राचार कर आरोपी से जुड़ी रिपोर्ट सौंपेगी ताकि भारत प्रत्यार्पण में देरी न हो। जांच एजैंसी से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि राकेश शर्मा को भारत लाने के लिए कुछ औपचारिकताओं को पूरा किया जाना है। इसके तहत नए सिरे से विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। सीआईडी द्वारा आरोपी के ठिकाने की सही जानकारी दिए जाने पर ही दुबई में भगौड़े कंपनी मालिक को पकड़ा गया।

मामले में अब तक हो चुकी हैं 13 गिरफ्तारियां

गौर हो कि सीआईडी के पास उसकी कुछ जानकारी पहले से ही थी। घोटाले का मास्टर माइंड राकेश शर्मा विदेश में गिरफ्तार भी हो चुका है और 6 माह की सजा भी हुई थी। टैक्नोमैक कंपनी घोटाले में अब तक करीब 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इनमें 11 कंपनी के अधिकारी व कर्मचारी हैं।

सरकारी मुलाजिमों पर भी कसता जा रहा शिकंजा

टैक्नोमैक घोटाले में आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछ अधिकारी व कर्मचारी भी जांच दायरे में हैं। घोटाले को लेकर सीआईडी ने 2मामले दर्ज किए थे और दोनों ही मामलों में चालान अदालत में पेश किया जा चुका है। घोटाले में संलिप्त सरकारी मुलाजिमों के खिलाफ जल्द ही जांच एजैंसी सप्लीमैंटरी चालान पेश करेगी। इनमें से कुछ के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी भी मिल चुकी है।

कार्रवाई की बजाय साधे रखी चुप्पी

सीआईडी जांच में सामने आया है कि जाली बिलों के माध्यम से कंपनी ने उत्पादन ज्यादा दिखाया जबकि महकमे के मुलाजिमों ने कार्रवाई की बजाय चुप्पी साधे रखी। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब स्थित मैसर्ज इंडियन टैक्नोमैक कंपनी की चल और अचल संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम, 2002 के अंतर्गत अस्थायी रूप से अटैच भी किया था। 

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