इंडियन टैक्नोमैक घोटाला : CID ने ए.डी.जी.एम. के खिलाफ दायर की चार्जशीट

Edited By Vijay, Updated: 31 May, 2018 11:12 PM

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हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को साढ़े 4 करोड़ से अधिक का चूना लगाने के जुड़े मामले में सी.आई.डी. ने भगौड़ा कंपनी इंडियन टैक्नोमैक के तत्कालीन डी.जी.एम. (अकाऊंट) विवेक गुप्ता के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है।

शिमला (राक्टा): हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को साढ़े 4 करोड़ से अधिक का चूना लगाने के जुड़े मामले में सी.आई.डी. ने भगौड़ा कंपनी इंडियन टैक्नोमैक के तत्कालीन डी.जी.एम. (अकाऊंट) विवेक गुप्ता के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है। प्रारंभिक जांच के बाद जांच एजैंसी ने इस मामले में कंपनी के  साथ विद्युत विभाग के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसी कड़ी में जांच टीम ने रिकार्ड कब्जे में लेने के बाद जब उसका अध्ययन किया तो पाया कि जाली आर.टी.जी.एस. तैयार कर घोटाले को अंजाम दिया गया। जाली आर.टी.जी.एस. कंपनी के तत्कालीन डी.जी.एम. द्वारा तैयार की गई थी, ऐसे में जांच एजैंसी ने ए.डी.जी.एम. अकाऊंट को मुख्य आरोपी बनाया है।


हस्ताक्षर रिपोर्ट के आधार पर बनाया आरोपी
सी.आई.डी. ने लीगल स्क्रूटनी के बाद अदालत में विवेक गुप्ता के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। सूत्रों के अनुसार जांच एजैंसी ने फोरैंसिक लैब से आई हस्ताक्षर रिपोर्ट के आधार पर कंपनी के ए.डी.जी.एम. को आरोपी बनाया है। बिजली बिल इलैक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के घोटाले में कंपनी के ए.डी.जी.एम. को बीते वर्ष 25 सितम्बर को गिरफ्तार किया गया था। यह घोटाला 4,49,80,291 रुपए से जुड़ा हुआ है।


कंपनी के खिलाफ दर्ज की गईं 2 एफ.आई.आर.
सी.आई.डी. ने प्रारंभिक जांच में मिले तथ्यों के आधार पर कंपनी के खिलाफ 2 एफ.आई.आर. दर्ज की हैं। कंपनी के खिलाफ एक एफ.आई.आर. आबकारी एवं कराधान महकमे को 2,200 करोड़ की चपत लगाने से जुड़े मामले में की गई है जबकि दूसरा मामला बिजली बोर्ड को करोड़ों रुपए का चूना लगाने से जुड़ा है। इसके साथ ही कंपनी ने एक दर्जन से अधिक बैंकों से भी करीब 2,250 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।


2009 से 2015 तक ज्यादा दिखाया उत्पादन
नाहन में स्थापित की गई इंडियन टैक्नोमैक कंपनी प्रदेश में करोड़ों का गोलमाल कर फरार हो गई थी। सी.बी.आई. पूछताछ में कंपनी के निदेशक विनय शर्मा ने भी यह बात कबूल की है कि कंपनी ने जाली दस्तावेज तैयार कर क्षमता से अधिक उत्पादन दिखाया और बैंकों से ऋण प्राप्त किया। सूचना के अनुसार कंपनी ने वर्ष 2009 से लेकर 2015 तक उत्पादन ज्यादा दर्शाया। कंपनी ने घपला करने के साथ ही आयकर और टैक्स भी नहीं भरा।


करोड़ों की धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल
सी.आई.डी. की जांच में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में कंपनी द्वारा की गई करोड़ों की धोखाधड़ी में कई चेहरे शामिल हैं। इसके साथ ही कंपनी का मालिक विदेश भाग चुका है, ऐसे में जांच एजैंसी सभी पहलुओं को देखकर आगामी कदम उठा रही है। एस.पी. सी.आई.डी. क्राइम संदीप धवल ने मामले की पुष्टि की है।

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