इंडियन टैक्नोमैक घोटाला : संपत्ति का मूल्य 330 करोड़, फंसे हैं 6000 करोड़

Edited By Vijay, Updated: 06 Feb, 2019 11:32 PM

indian technomac scam  330 crore worth of property stranded 6000 crore

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद देश में वैट टैक्स के तहत हुए सबसे बड़े इंडियन टैक्नोमैक घोटाले में कंपनी के फैक्टरी परिसर की नीलामी के आदेशों के बाद वसूली के मामले में आयकर विभाग समेत बैंक प्रबंधन वसूली को लेकर नजरें गड़ाए हुए हैं जबकि 6000 करोड़ रुपए के...

नाहन: हाईकोर्ट के आदेशों के बाद देश में वैट टैक्स के तहत हुए सबसे बड़े इंडियन टैक्नोमैक घोटाले में कंपनी के फैक्टरी परिसर की नीलामी के आदेशों के बाद वसूली के मामले में आयकर विभाग समेत बैंक प्रबंधन वसूली को लेकर नजरें गड़ाए हुए हैं जबकि 6000 करोड़ रुपए के घोटाले का पर्दाफाश केवल आबकारी एवं कराधान विभाग ने वर्ष 2014 में किया था। इसके बाद सरकार जागी और अन्य विभाग भी हरकत में आए। गौरतलब है कि हाईकोर्ट 27 फरवरी को फैक्टरी परिसर की नीलामी की तिथि तय करेगा। सूत्रों के अनुसार अभी तक अन्य संबंधित विभागों व बैंक प्रबंधनों जिनके कई हजार करोड़ रुपए डूबे हैं, वसूली के लिए अपने स्तर पर ज्यादा कुछ नहीं कर पाए हैं जबकि आयकर विभाग व बैंक प्रबंधन केंद्र सरकार की एजैंसियों के तहत कार्रवाई करवा सकते हैं लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ।

कराधान विभाग का 2150 करोड़ फंसा

इंडियन टैक्नोमैक का सिरमौर में स्थित परिसर करीब 185 बीघा में फैला है। कराधान विभाग ने हिमकॉन के माध्यम से संपत्ति का मूल्यांकन करवाया था। इस संपत्ति का अधिकतम मूल्य 330 करोड़ आंका गया है, जबकि 6000 करोड़ रुपए में 3,300 करोड़ रुपए देश के बड़े नामी बैंकों के डूबे हैं। उधर, आयकर विभाग का 750 करोड़ व कराधान विभाग का 2150 करोड़ फंसा है। अगर नीलामी होती है तो परिसर की भूमि अधिकतम 330 करोड़ रुपए के आसपास ही नीलाम होगी। अगर ज्यादा रकम चाहिए तो सरकार को धारा 118 की शर्त हटानी होगी, तब कहीं जाकर अन्य राज्यों से बोलीदाता नीलामी में भाग ले सकेंगे।

वर्षों की कसरत के बाद नीलामी तक पहुंचाया फैक्टरी परिसर

कराधान विभाग ने वर्षों की कसरत के बाद फैक्टरी परिसर को नीलामी तक पहुंचाया है। हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया तब जाकर बात आगे बढ़ी। उधर, आयकर विभाग व बैंक प्रबंधन वर्षों से अपने स्तर पर भी देश-विदेश में कंपनी की संपत्तियों जिनमें से कुछ की पहचान भी हुई है, नीलामी करवा सकते थे, इसके लिए केंद्रीय एजैंसियों सी.बी.आई. व ई.डी. की मदद ली जा सकती थी। सरकार को चाहिए कि हजारों करोड़ रुपए की वसूली के लिए अन्य संपत्तियों की नीलामी के प्रयास करे।

27 फरवरी को नीलामी की तिथि तय करेगा हाईकोर्ट

आबकारी एवं कराधान विभाग सिरमौर के उपायुक्त जी.डी. ठाकुर ने कहा कि आबकारी एवं कराधान विभाग ने हिमकॉन के माध्यम से सिरमौर में स्थित इंडियन टैक्नोमैक परिसर जोकि 185 बीघा में फैला है, उसका मूल्यांकन करवाया था। रिपोर्ट के अनुसार इस संपत्ति की अधिकतम 330 करोड़ रुपए कीमत आंकी गई है। 27 फरवरी को हाईकोर्ट नीलामी की तिथि तय करेगा। कंपनी की अन्य संपत्तियों की भी नीलामी होनी चाहिए।

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