Edited By Vijay, Updated: 10 Aug, 2019 04:05 PM
एचटीबीटी किस्म का कपास, बीटी किस्म के बैंगन और जीएम किस्म के सरसों बीज को किसानों तक पहुंचाने वाली विक्रेता कंपनियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग भारतीय किसान संघ ने केन्द्र सरकार से की है।
हमीरपुर (अरविंदर): एचटीबीटी किस्म का कपास, बीटी किस्म के बैंगन और जीएम किस्म के सरसों बीज को किसानों तक पहुंचाने वाली विक्रेता कंपनियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग भारतीय किसान संघ ने केन्द्र सरकार से की है। संघ का कहना है कि इन दवाइयों में हानिकारक जीन डाले जा रहे हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सोमदेव शर्मा ने कहा कि जब से बीटी कपास की खेती का देश में प्रचलन हुआ है तब से मुनाफाखोर बीज कंपनियों का दबदबा बढ़ गया है और अन्नदाता किसान आत्महत्या करने लगा है। उन्होंने कहा कि जीएम फसल में कोई भी अधिक उपजाऊ शक्ति वाला जीन नहीं डाला जाता है।
ग्लाइफोसेट मुफ्त में दे रहा कैंसर आदि भयानक रोग
उन्होंने कहा कि जो कंपनियां ऐसी हरकतें करती हैं, उनको प्रतिबंधित किया जाए। उन्हें ब्लैक लिस्ट सूची में डालकर देश के बाहर का रास्ता दिखाना अति आवश्यक हो गया है। एचटीबीटी कपास में प्रयोग होने वाला खरपतवार नाशक ग्लाइफोसेट का विषय अलग है। यह ग्लाइफोसेट सबको मुफ्त में कैंसर आदि भयानक रोग देने वाला है। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग उठाई कि बेसहारा पशुओं और बंदरों के लिए जंगल में सैंक्चुरी बनाकर उचित प्रबंधन किया जाए तथा ऊना, कांगड़ा और सिरमौर में अनाज मंडियां स्थापित की जाएं।