Edited By Ekta, Updated: 15 Aug, 2019 04:57 PM
सरकारें सरहदों पर तैनात सैनिकों के सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करती है। मगर हकीकत यह है कि आज भी कुछ सैनिक और उनके परिवार ऐसे है जो उन सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं जो उनको मुहैया करवाने के वायदे किए गए थे। यह है पुलवामा हमले के दौरान सर्च ऑपरेशन में...
नाहन (सतीश): सरकारें सरहदों पर तैनात सैनिकों के सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करती है। मगर हकीकत यह है कि आज भी कुछ सैनिक और उनके परिवार ऐसे है जो उन सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं जो उनको मुहैया करवाने के वायदे किए गए थे। यह है पुलवामा हमले के दौरान सर्च ऑपरेशन में घायल नायक गुलजार अहमद जिन्हें जिला प्रशासन ने स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान सम्मानित करने के लिए बुलाया।
कार्यक्रम के दौरान जवान को सम्मान तो मिला मगर हैरानी इस बात की कि पुलवामा हमले के दौरान 5 गोली लगने के बाद घायल इस जवान को प्रशासन ने गाड़ी तक की सुविधा देनी उचित नहीं समझी। अंदाजन इस घायल जवान को किराए की गाड़ी लेकर यहां पहुंचना पड़ा। इस जवान की दोनों टांगों में गोलियां लगी थी और अब बैसाखी ही जवान का सहारा है।
घायल गुलजार अहमद ने बताया कि सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिल पा रही है। उन्हें हर महीने अपने इलाज के लिए श्रीनगर जाना पड़ता है जिसके लिए फ्लाइट का आने जाने का सारा खर्चा हो ने खुद वहन करना पड़ता है। वहीं कोई अन्य मदद सरकार की तरफ से नहीं मिल पाई हालांकि आश्वासन जरूर मिले थे। उन्होंने सम्मान देने के लिए जिला प्रशासन का जरूर आभार जताया। उधर इस बारे में कार्यक्रम में पहुंचे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल ने कहा कि सरकार हमेशा शहीदों का सम्मान करती है। उन्हें कहा कि अब यह मामला उनके ध्यान में आया है निश्चित तौर पर सैनिक व उसके परिवार की मदद की जाएगी।