Edited By kirti, Updated: 24 Sep, 2018 11:42 AM
देश भर में 15 सितम्बर से लेकर 2 अक्तूबर तक चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान का सोलन शहर व आसपास के क्षेत्रों में कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। सोलन जिला में भी इस पखवाड़े को लेकर सप्ताह भर से जगह-जगह अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन इससे स्वच्छता का ...
सोलन: देश भर में 15 सितम्बर से लेकर 2 अक्तूबर तक चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान का सोलन शहर व आसपास के क्षेत्रों में कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। सोलन जिला में भी इस पखवाड़े को लेकर सप्ताह भर से जगह-जगह अभियान चलाए जा रहे हैं लेकिन इससे स्वच्छता का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है। हर बार स्वच्छता अभियान के नाम पर केवल लीपापोती ही की जाती है। इन अभियानों में नेता व राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता मात्र दिखावे के लिए ही सफाई का ढोंग करते हैं। अधिकतर स्वच्छता अभियान उन्हीं क्षेत्रों में चलाए जाते हैं जहां पहले ही सफाई होती है। यही नहीं शहर के मुख्य स्थानों पर गंदगी के ऐसे अंबार लगे हैं जहां से लोगों को नाक व मुंह बंद करके गुजरना पड़ता है।
सोलन में समय-समय पर स्वच्छता अभियान तो चलाए जाते हैं लेकिन इनका अधिकतर बोझ नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों पर ही पड़ता है। नगर परिषद के पास भी सफाई कर्मचारियों की संख्या कम होती जा रही है जबकि शहर की आबादी बढ़ रही है। शहर में जब भी कहीं स्वच्छता अभियान चलाया जाता है तो सभी नेता व अधिकारी इसका श्रेय लेने के लिए झाड़ू पकड़ते हैं लेकिन असल कार्य सफाई कर्मचारियों को ही करना पड़ता है। इससे उन स्थानों पर सफाई कार्य प्रभावित होता है जहां रूटीन में सफाई की जाती है। सोलन शहर में चल रहे स्वच्छता अभियानों के बावजूद कई स्थानों पर गंदगी के ढेर लोगों को चिढ़ा रहे हैं।