Edited By Kaku Chauhan, Updated: 06 Feb, 2021 05:07 PM
सीटू जिला कमेटी चम्बा व एस.एफ.आई. ने कृषि कानूनों के खिलाफ जिला चम्बा में धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सीटू जिला सचिव सुदेश ठाकुर ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों को अनसुना कर रही है। किसान लगातार...
चम्बा (काकू) सीटू जिला कमेटी चम्बा व एस.एफ.आई. ने कृषि कानूनों के खिलाफ जिला चम्बा में धरना प्रदर्शन किया। इस मौके पर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। सीटू जिला सचिव सुदेश ठाकुर ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों को अनसुना कर रही है। किसान लगातार मांग रहा कर रहे हैं कि यह काले कानून वापिस लिए जाए। देश की सरकार को आम जनता ने चुना है, लेकिन उनकी नीतियां बड़े पूंजीपतियों के हक में हैं। मोदी सरकार लगातार सरकारी उपक्रमों के निजीकरण पर तुली हुई है। जिसका फायदा पूंजीपतियों को ही है। एसएफआई जिला कमेटी सदस्य रहमतुल्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने शिक्षा के बजट में कटौती कर के आम जनता पर हमला किया है। इससे शिक्षा और महंगी होगी। आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएगी। किसानों के खिलाफ ये काले कानून आने वाले समय में मोदी सरकार को सत्ता से दूर करने का कारण बनेंगे। किसानों विरोधी काले कानून जल्द ही वापिस लिए जाएं।
सीटू जिला अध्यक्ष नरेंद्र ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में विरोध कर रहे किसानों के सामने लोहे की कीलें और कंटीले तार लगाकर देश को अंतरराष्ट्रीय पटल पर शर्मिंदा किया है। भाजपा व पूरा संघ परिवार देश में किसान के आंदोलन को बदनाम करने की सबसे घटिया कोशिश कर रहे हैं। किसानों का ये आंदोलन सिर्फ किसान का नहीं है हर एक व्यक्ति के लिए है जो देश में रह रहा है। किसान बिलों के आने से जमाखोरी बढ़ेगी जिसका प्रभाव आम जनता पर पड़ेगा। निजी कम्पनियां अनाज की झूठी कमी पेश कर के दाम बढ़ा देंगी। किसानों को फसल के मनचाहे दाम लेने के लिए मजबूर करेंगे। कृषि कानून आने से पहले अडानी द्वारा पंजाब में गोदाम बनाने से ये बात साबित होती है कि मोदी सरकार पहले से ही पूंजीपतियों के हक के लिए नीति बना रही थी। अगर सरकार आने वाले समय में ऐसा अडिय़ल रवैया बनाए रखती है तो पूरा देश दिल्ली कि और कूच करेगा। ये आंदोलन और उग्र होगा।