Edited By Ekta, Updated: 09 Sep, 2018 12:33 PM
एशिया की दूसरी सबसे बड़ी पोटैटो सोसाइटी की आमसभा में दो बार जमकर लात-घूंसे चले। पुलिस को हस्तक्षेप कर मामला शांत करना पड़ा। मामला गंभीर होता देख जिला पुलिस प्रमुख राजेश धर्माणी को खुद आम सभा की बैठक में आना पड़ा। दरअसल एलपीएस के सदस्य लंबित चार मुद्दों...
मनाली (सोनू): एशिया की दूसरी सबसे बड़ी पोटैटो सोसाइटी की आमसभा में दो बार जमकर लात-घूंसे चले। पुलिस को हस्तक्षेप कर मामला शांत करना पड़ा। मामला गंभीर होता देख जिला पुलिस प्रमुख राजेश धर्माणी को खुद आम सभा की बैठक में आना पड़ा। दरअसल एलपीएस के सदस्य लंबित चार मुद्दों को लेकर बोर्ड ऑफ डायरेक्टर पर कार्रवाई के लिए दबाब डालते रहे। आखिरकार एलपीएस प्रबंधन को सदस्यों के गुस्से के आगे घुटने टेकने पड़े। सभा मे सर्वसमति से संस्था के पूर्व एमडी के कथित अनियमिताओं को लेकर पुलिस में एफआईआर दर्ज करने का प्रस्ताव पारित किया गया। जबकि एलपीएस की निदेशक मंडल को भंग करने, संस्था की मनाली स्थित तीन सितारा होटल की लीज डीड रद्द करने के साथ इसके टेंडर प्रक्रिया की जांच करने का प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं संस्था में किसी पर्याप्त शैक्षणिक योग्यता वाले शख्स को एमडी का कार्यभार सौंपने पर भी सहमति बनी।
कारोबार के लिहाज से किसी जमाने मे अमूल के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कोऑपरेटिव सोसाइटी के रुतबा रखने वाली एलपीएस आज कर्ज के बोझ तले दब गया है। संस्था पर सदस्यों की और से लगातार भष्टाचार के आरोप लगते आए हैं। किसानों का आरोप है कि आजतक हर बार सभा की वार्षिक बैठक किसानों की बात को प्रबंधन नजरअंदाज करता आ रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब सदस्यों के दबाब पर प्रबंधन को किसानों की हर मांग के आगे घुटने टेकने पड़े। किसानों की तरफ से जिप सदस्य एवम जनजातीय युवा मंच के जिला अध्यक्ष सुदर्शन जस्पा ने लंबित चार मांगों को लेकर एलपीएस प्रबंधन को जमकर खिंचाई की।
जस्पा ने कहा कि जब पूर्व एमडी के खिलाफ विभागीय जांच में कथित घोटाले की हो चुकी है इसके बाबजूद प्रबंधन अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवा रही है। होटल चंद्रमुखी को बिना टेंडर प्रक्रिया के ठेकरदार को क्यों कैदियों के भाव लीज पर दिया गया। एलपीएस के केलांग निवासी 88 वर्षीय किसान सोनम उपासक ने कहा कि किसानों की मेहनत की गाड़ी कमाई के दम पर संस्था की सांस चल रही है। बुजुर्ग किसान एलपीएस की कार्यप्रणाली से बेहद नाराज और खफा दिखे। किसानों को विश्वास में लिए बगैर प्रबंधन अपने निजी हित मे निर्णय ले रही है। हालांकि एलपीएस प्रबंधन पहले सदस्यों की मांगों को मनाने के लिए तैयार नहीं हुआ। लेकिन किसानों के गुस्से के आगे प्रबंधन को आखिरकार घुटने टेकने पड़े। एलपीएस के कार्यकारी एमडी राजेन्द्र कुमार ने सदस्यों की तमाम मांगों को मानते हुए प्रस्ताव पारित करने की पुष्टि की है।