Edited By Ekta, Updated: 10 May, 2018 02:51 PM
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद शिमला में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे छुड़ाने का अभियान तेज किया जा रहा है। कोर्ट के आदेशों के अनुसार एसआईटी कार्य नहीं कर रही है। कई किसानों की मलकियत भूमि से भी पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसको किसान सभा बर्दास्त नहीं करेगी। वह...
शिमला (विकास): हाईकोर्ट के आदेशों के बाद शिमला में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे छुड़ाने का अभियान तेज किया जा रहा है। कोर्ट के आदेशों के अनुसार एसआईटी कार्य नहीं कर रही है। कई किसानों की मलकियत भूमि से भी पेड़ काटे जा रहे हैं, जिसको किसान सभा बर्दास्त नहीं करेगी। वह किसानों को दस बीघा जमीन मुहैया करवाए अन्यथा किसान सभा किसानों को लामबंद कर निर्णायक लड़ाई लड़ेगी।
उधर, एसआईटी की कार्रवाई से परेशान बागवानों का कहना है कि अब वह भूमिहीन होकर सड़क पर आ गए हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। जुब्बल के एक गांव के बागवान का कहना है कि अब उनके पास जरा भी जमीन नहीं बची है। सारी भूमि से 250 से ज्यादा सेब के पेड़ काट दिए गए हैं, जबकि कोर्ट ने ये आदेश दिए है कि पांच बीघा भूमि को छोड़कर बाकि अवैध कब्जों से पेड़ काटे जाएं।