अगर आप बना रहे हैं शिमला घूमने का प्लान तो पहले पढ़ें ये खबर

Edited By Vijay, Updated: 01 Sep, 2018 06:28 PM

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पहाड़ों की रानी शिमला में घूमने की चाह रखने वाले सैलानियों को अब अपनी जेबें थोड़ी और ढीली करनी पड़ेंगी। शिमला नगर निगम ने बाहरी राज्यों से शिमला आने वाले वाहनों से ग्रीन फीस वसूलने का फैसला लिया है।

शिमला (विकास): पहाड़ों की रानी शिमला में घूमने की चाह रखने वाले सैलानियों को अब अपनी जेबें थोड़ी और ढीली करनी पड़ेंगी। शिमला नगर निगम ने बाहरी राज्यों से शिमला आने वाले वाहनों से ग्रीन फीस वसूलने का फैसला लिया है। ग्रीन फीस वसूलने के लिए शहर के मुख्य द्वार या कहीं भी कोई नाका नहीं होगा बल्की खुद सैलानियों और वाहन चालकों को शिमला नगर निगम के ग्रीन फीस मोबाइल एप पर क्लिक करके या होटल पहुंचकर ये राशि जमा करवानी होगी। ऐसा न करने पर नगर निगम 1500 रुपए तक का जुर्माना वसूल करेगा। निगम ग्रीन फीस को सैलानियों की सुविधा और पर्यावरण संरक्षण के लिए लिया गया कदम बता रहा है। वहीं निगम को उम्मीद है की इससे उसकी सालाना आए में 10 से 12 करोड़ रुपए की बढ़ौतरी होगी।
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निगम सैलानियों से ऐसे लेगा ग्रीन फीस
ग्रीन फीस के तहत दोपहिया वाहनों से 50 रुपए, छोटी गाडिय़ों और एस.यू.वी. के लिए 200 रुपए और ट्रक और बसों जैसे बड़े वाहनों के लिए 300 रुपए की राशि निर्धारित की है। ये राशि सभी वाहनों के लिए सिर्फ एक हफ्ते यानी 7 दिनों के लिए निर्धारित की गई ह। वहीं आठवां दिन होने पर ये राशि एक बार फिर से ग्रीन फीस एप के जरिये जमा करवानी जरूरी होगी, जबकि स्थानीय लोगों और हिमाचल नंबर की गाडिय़ों पर यह ग्रीन फीस लागू नहीं होगी।
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निगम के फैसले से सैलानी नाराज
निगम बेशक इसे शहर की खूबसूरती और अपनी आय बढ़ाने के लिए लिया गया फैसला बता रहा हो लेकिन सैलानियों को निगम का ये फैसला जरा भी रास नहीं आ रहा है। सैलानियों का कहना है कि पहले सैलानियों की मूलभूत सुविधाओं के बारे में निगम सोचे उसके बाद अगर इसे लागू किया जाता है तो बेहतर होगा। पहले ही पर्यटकों को शिमला आने पर कोई खास सुविधाएं नहीं मिलती ऊपर से और पैसे वसूलना बिल्कुल गलत है।
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हाईकोर्ट लगा चुका है फटकार
इससे पहले भी नगर निगम शिमला में सैलानियों के लिए ग्रीन टैक्स नाम की योजना लागू कर चुका है लेकिन मामले में हिमाचल उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद उसकी ये योजना सिरे नहीं चढ़ी थी। हाईकोर्ट ने तब निगम को सड़क पर नाका लगाने और सैलानियों से मनमाफिक टैक्स वसूलने के लिए फटकार भी लगाई थी। हाईकोर्ट ने इस योजना को तब खारिज करते हुए निगम को नए सिरे से इस योजना को दोबारा बनाने को कहा था, जिसके बाद अब निगम ने टैक्स की जगह फीस नाम करते हुए इसके शुल्क में भी कमी की है, साथ ही निगम ने जुर्माना राशि को 2 हजार रुपए से घटाकर 1500 रुपए कर दिया है जबकि दोपहिया वाहनों पर 500 रुपए जुर्माना देना होगा। इससे पूर्व नगर निगम ने ग्रीन फीस का भुगतान नहीं करने वालों पर 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया था।

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