स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच न करने पर केंद्रीय टीम ने हिमाचल के अफसरों को लगाई लताड़

Edited By kirti, Updated: 25 Dec, 2018 12:27 PM

if the children do not have health checkup in schools

प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों को न तो समय पर आयरन की गोलियां दी जा रही हैं और न ही उनका हैल्थ चैकअप किया जा रहा है। यह मामला प्रदेश मिड-डे मील योजना को जांचने आई केंद्रीय टीम ने शिक्षा सचिव के समक्ष उठाया है। उन्होंने इस दौरान शिक्षा सचिव को...

शिमला : प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थियों को न तो समय पर आयरन की गोलियां दी जा रही हैं और न ही उनका हैल्थ चैकअप किया जा रहा है। यह मामला प्रदेश मिड-डे मील योजना को जांचने आई केंद्रीय टीम ने शिक्षा सचिव के समक्ष उठाया है। उन्होंने इस दौरान शिक्षा सचिव को मिड-डे मील योजना में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करने की सलाह दी है। टीम के सदस्यों ने प्रदेश में स्कूली विद्यार्थियों में आयरन की कमी होने की संभावना जताई है। सदस्यों ने सचिवालय में शिक्षा सचिव डा. अरुण शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में 2 जिलों की रिपोर्ट पेश की। इस बैठक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक, एस.एस.ए. के परियोजना निदेशक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।

विद्यार्थियों को समय पर आयरन की गोलियां दी

बैठक में केंद्रीय टीम के सदस्यों ने मंडी व सिरमौर जिला के स्कूलों में किए गए मिड-डे मील योजना के निरीक्षण के दौरान पाई खामियों पर चर्चा की। इस दौरान शिक्षा सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों में विद्यार्थियों को समय पर आयरन की गोलियां दी जाएं और साल में 2 बार बच्चों का हैल्थ चैकअप करके उनका हैल्थ कार्ड बनाया जाए। दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश में मिड-डे मील की व्यवस्था बेहतर केंद्रीय टीम ने दूसरे राज्यों की तुलना में प्रदेश में मिड-डे मील योजना में की गई व्यवस्थाओं को बेहतर बताया है। सदस्यों ने स्कूलों में बनाए गए किचन और उनमें सफाई व्यवस्था की तारीफ की है। विद्यार्थियों को परोसे जा रहे भोजन को भी टीम ने संतुलित बताया है।

शिक्षकों ने यह समस्या टीम के सदस्यों के सामने रखी

टीम ने दाल-चावल के साथ विद्यार्थियों को मौसमी हरी सब्जियां देने को कहा है, ताकि बच्चों को पूरा आहार मिल सके। सरकारी दुकानों से स्कूलों तक राशन पहुंचाने की हो सही व्यवस्था टीम ने प्रदेश सरकार से सरकारी दुकानों से स्कूलों तक राशन पहुंचाने की सही व्यवस्था करने को कहा है, ताकि इस कार्य पर शिक्षकों का समय बर्बाद न हो। स्कूलों में दौरे के दौरान शिक्षकों ने यह समस्या टीम के सदस्यों के सामने रखी थी। शिक्षकों का कहना था कि उन्हें मिड-डे मील के लिए उक्त दुकानों से राशन लाना पड़ता है, जिससे स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
 

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