HC के PWD को आदेश, निर्माण में खामी रही तो अधिकारियों के वेतन से कटेगी रकम

Edited By Vijay, Updated: 09 Jun, 2018 10:24 PM

if defect in construction then amount will deducted from salary of officials

प्रदेश उच्च न्यायालय ने सचिव व प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को निर्माण कार्यों में ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने कोजरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश जारी किए हैं।

जोगिंद्रनगर: प्रदेश उच्च न्यायालय ने सचिव व प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग को निर्माण कार्यों में ठेकेदारों द्वारा गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने कोजरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश जारी किए हैं। उच्च न्यायालय ने कहा है कि अधिकारियों के मापदंडों के अनुसार काम करवाने में नाकाम रहने, ठेकेदार द्वारा मापदंडों की अवहेलना करने पर अधिकारियों को निजी तौर पर उत्तरदायी ठहराया जाए तथा निर्माण में रह गई खामियों व रिपेयर में होने वाले खर्च की वसूली संबंधित अधिकारियों के वेतन से की जाए।


2 सप्ताह के भीतर दायर करना होगा शपथ पत्र
अधिकारियों को फैसले की प्रति प्राप्त होने के 2 सप्ताह के भीतर आदेशों की अनुपालना किए जाने संबंधी शपथ पत्र दायर करने को कहा गया है। उक्त  आदेश कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने लोक निर्माण विभाग के मंडल जोगिंद्रनगर के तहत डोल-गदियाड़ा सड़क पर ठेकेदार द्वारा की गई टारिंग के उपरांत सड़क पर 15 दिन में ही घास उग आने के मामले में की गई जनहित याचिका का निपटारा करते हुए जारी किए हैं।


स्पैसिफिकेशन के अनुसार काम करवाना अधिकारियों की जिम्मेदारी
उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अधीक्षण अभियंता जोगिंद्रनगर द्वारा टारिंग के उपरांत सड़क पर कुछ ही दिन में उग आई घास व स्थानीय लोगों द्वारा सड़क किनारे ड्रेन न बनाने की अनुमति दिए जाने को कारण बताते हुए ठेकेदार को दी गई क्लीन चिट पर असहमति जताते हुए कहा कि ऐसा कैसे संभव हो सकता है। स्पैसिफिकेशन के अनुसार काम करवाना अधिकारियों की जिम्मेदारी है, इसे ठेकेदार की मर्जी पर नहीं छोड़ा जा सकता।


कोर्ट ने की स्कूली छात्रा की तारीफ  
उच्च न्यायालय ने क्षेत्र की जागरूक शिकायतकर्ता एक स्कूली छात्रा की तारीफ  करते हुए कहा है कि उसने न केवल ठेकेदार द्वारा करवाए गए निम्न स्तर के काम को ही उजागर किया बल्कि उन लोगों के लिए भी एक उदाहरण पेश किया है जो निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए भी आंखें मूंद लेते हैं।

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