Edited By kirti, Updated: 13 Jan, 2020 02:06 PM
उपमंडल बंजार के ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद अभी भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। तीर्थन घाटी की नोहांडा पंचायत के झलेरी गांव में प्रसव पीबड़ा होने पर तीन फीट बर्फ के बीच उतराई वाले फिसलन भरे रास्ते में महिला को दोनों हाथों से पकड़कर करीब...
कुल्लू(दिलीप): उपमंडल बंजार के ग्रामीण क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद अभी भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। तीर्थन घाटी की नोहांडा पंचायत के झलेरी गांव में प्रसव पीबड़ा होने पर तीन फीट बर्फ के बीच उतराई वाले फिसलन भरे रास्ते में महिला को दोनों हाथों से पकड़कर करीब चार किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाया गया। महिला के पति रोशन लाल ने बताया कि उनकी पत्नी संजू को गुशैणी पीएचसी पहुंचाने में चार से पांच घंटे का समय लगा। महिला की सास और पति ने उसे दोनों हाथों से पकड़कर पैदल ही अस्पताल तक पहुंचाया।
रोशन लाल ने बताया कि महिला को पहले रोपा और फिर गुशैणी पीएचसी लाया गया, लेकिन रविवार का दिन होने के कारण पीएचसी में डॉक्टर उपलब्ध नहीं था।साथ ही यहां प्रसव की सुविधा भी नहीं थी। इस पर महिला के परिजनों ने रोष जताया है। इसके बाद 108 एंबुलेंस को फोन कर महिला को ही प्रसव पीड़ा होने की जानकारी दी गई। बंजार से पहुंची 108 एंबुलेंस में गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया। महिला के परिजनों के साथ गए घाटीवासी प्रताप सिंह और दलीप सिंह ने कहा कि ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को तीन फीट बर्फ में पैदल ही चलकर अस्पताल पहुंचाया गया।
यहां पहुंचने में उन्हें चार से पांच घंटे का समय लगा। अगर गुशैणी पीएचसी में प्रसव की सुविधा होती तो महिला को बंजार लाने की नौबत नहीं आती। उन्होंने कहा कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने पर जोर देना चाहिए। उधर, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के बीएमओ बंजार डॉ. रमेश शर्मा ने कहा कि पीएचसी गुशैणी में प्रसव की सुविधा नहीं है। यह सुविधा बंजार अस्पताल में दी जाती है।