चुनावी मुद्दा: लोकसभा चुनाव में HRTC पैशनरों का एक गुट दबाएगा NOTA

Edited By Ekta, Updated: 12 Apr, 2019 06:16 PM

hrtc will suppress a group of pensioners in lok sabha elections

लोकसभा चुनावी समर में सरकार की अनदेखी सरकार पर भारी पड़ेगी। प्रदेश में एच.आर.टी.सी पैंशनरों के एक गुट ने लोक सभा चुनाव का बहिष्कार कर नोटा दबाने का निणर्य लिया। यह निणर्य पैंशनरों को समय पर पैंशन की अदायगी न किए जाने और विभिन्न प्रकार के भत्ते की...

शिमला (राजेश): लोकसभा चुनावी समर में सरकार की अनदेखी सरकार पर भारी पड़ेगी। प्रदेश में एच.आर.टी.सी पैंशनरों के एक गुट ने लोक सभा चुनाव का बहिष्कार कर नोटा दबाने का निणर्य लिया। यह निणर्य पैंशनरों को समय पर पैंशन की अदायगी न किए जाने और विभिन्न प्रकार के भत्ते की अदायगी न देन पर लिया है। प्रदेश में हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारियों के दो संगठन यानी दो गुट हैं। ऐसे में एक गुट हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच नाम से है, वहीं दूसरा हिमाचल परिवहन सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण संगठन के नाम से हैं। ऐसे में संघठन ने सरकार की अनदेखी को लेकर इस बार किसी भी मत न देने पर समहमति बनाई है। संघ के साथ प्रदेश के मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, सोलन, नाहन, नालागढ़ और देहरा के पैंशनर संघ के साथ है, इन पैंशनरों की संख्या करीब 5 हजार है। 

पैंशनरों का कहना है कि जब उन्हें 58 साल सरकार की सेवा करने के बाद अपनी ही पैंशन को लेकर लिए महिना भर इंतजार करना पड़़ता है। वहीं अन्य भत्तों के लिए कई सालों से इंतजार कर रहे है, लेकिन न सरकार तो निगम इस संबंध में कोई कदम उठा रही है। उन्हें हर माह अपने खर्चों के लिए पैंशन का इंतजार करना पड़ता है। पैंशन कभी माह की 15 तारिख तो कभी 20 को आती है, किसी किसी माह तो पैंशन के खाते में डलने की हद हो जाती है और 25 और 26 तारिख को भी पैंशन आती है जब माह खत्म होने को होता है। ऐसे में पैंशनरों को आर्थिक समस्या से जूझना पड़ता है। सबसे अधिक उन पैंशनरों को समस्या आती है जिनके बच्चे अभी भी नौकरीयों में नहीं लगे और पैंशन से ही खर्चा चल रहा है। पैंशन व अन्य भत्ते जैसे आई.आर., डी.ए. आदि भत्तों को लेकर निगम अधिकारियों सहित कई बार परिवहन मंत्र को भी मांग पत्र भेज चुके है, लेकिन पैंशनरों के साथ मांग को अनदेखाा किया जा रहा है।

दो साल पहले सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को पैंशन ही नहीं

एच.आर.टी.सी से दो साल पहले सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को अभी तक पैंशन शुरू नहीं हो पाई है। ऐसे में करीब 200 से अधिक सेवानिवृत कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जिन पैंशनर को पैंशन मिल रही है उनके डी.ए व एरियर का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पांच-पांच वर्षों से डी.ए. व एरियर का इंतजार कर रहे हैं। पैंशनरों को 6 प्रतिशत डी.ए व 21 प्रतिशत तक अंतिम राहत मिलनी है।

निगम नियमों की कर रहा अवहेलना, सरकार चुप

एच.आर.टी.सी पैंशनरों का कहना है निगम नियमों की अवेहलना कर रहा है, लेकिन सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है। कर्मचारियों सेवानिवृत के बाद डी.ए की प्रतिशता में कटौती कर डी.ए. दे रही है, जिसका भी कोई समय तय नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर सेवानिवृत पर डी.ए 126 प्रतिशत तो, सेवानिवृत के बाद यह 113 प्रतिशत के हिसाब से दिया जा रहा है जो कि नियमों से परे है। सरकार व हिमाचल पथ परिवहन निगम सेवानिवृत पैंशनरों के देय भत्तों को देन में नाकाम साबित हो रही है, जबकि कई बार सरकार को इस बारे में बताया गया है। ऐसे में इस बार हिमाचल पैंशनर कर्मचारी संघ के सदस्यों ने निणर्य लिया है कि वह चुनाव का बहिष्कार करेंगे और नोटा दबाएंगे।

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