Edited By kirti, Updated: 29 Oct, 2019 09:48 AM
एक ओर प्रदेश सरकार गरीबों को मसीहा मानती है और उनके लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत तो यह है कि क्या उन योजनाओं का लाभ गरीबों को मिल रहा है, जिसके वे असल में हकदार हैं। कुल्लू में भी एक ऐसा ही वाकया सामने आया है। जब...
कुल्लू (दिलीप): एक ओर प्रदेश सरकार गरीबों को मसीहा मानती है और उनके लिए कई तरह की कल्याणकारी योजनाओं की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत तो यह है कि क्या उन योजनाओं का लाभ गरीबों को मिल रहा है, जिसके वे असल में हकदार हैं। कुल्लू में भी एक ऐसा ही वाकया सामने आया है। जब एक व्यक्ति को भरी बस से जलील करते बाहर निकाला गया। घटना सोमवार की है जब हिमाचल पथ परिवहन निगम केलांग डिपो की बस (नंबर एच.पी. 66-3814) मनाली से हरिद्वार जा रही थी।
इसी बस में सीट नंबर 2 पर दिव्यांग व्यक्ति प्रदीप कुमार मनाली से कुल्लू आ रहा था। जब बस चालक ने उससे किराया मांगा तो उन्होंने अपना पास दिखाया लेकिन बस चालक ने पास को दरकिनार करते हुए उससे 50 रुपए की मांग की।
उन्होंने कहा कि वह आज तक इसी पास से सरकारी बस में सफर करते रहे हैं लेकिन चालक ने कोई दलील नहीं सुनी और बस पास को भी उनके मुंह पर फैंक दिया। इससे भरी बस में प्रदीप कुमार को अपमानित होना पड़ा। उन्होंने कहा कि भाग्य के कारण वे दिव्यांग क्या इसलिए ही हुए थे कि उन्हें इस तरह से जलील होना पड़े। उसके बाद काफी देर वहां बैठकर उन्होंने निगम की दूसरी बस का इंतजार किया, तभी पथ परिवहन निगम की अन्य बस (नं. एच.पी. 42-2056) आई, जिसमें उनका पास मान्य हुआ।
हैरत की बात तो यह है कि प्रदीप कुमार का अपंग बस पास 18 फरवरी, 2025 तक मान्य था। प्रदीप कुमार ने कहा कि वह कुल्लू में तो अपने काम से आए थे लेकिन उनके साथ जो बदतमीजी हुई है, वे इसकी शिकायत करने में ही दिनभर व्यस्त रहे। इस बारे में प्रदीप कुमार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों से भी बात की। उन्होंने कहा कि बस परिचालक ने शराब पी हुई थी और उनके मुंह से इसकी गंध भी आ रही थी। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी के साथ इस तरह का दुव्र्यवहार नहीं होना चाहिए।