मुसीबत की घड़ी में जनता की सुविधा छीनने वाली सरकार, कैसे हो सकती है लोकप्रिय : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 15 May, 2020 06:40 PM

how government can snatch public convenience in times of trouble  rana

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि कोविड-19 की मुसीबत में घिरी प्रदेश की जनता की राशन की सब्सिडी बंद करके राहत देने की बजाय आवाम को और आफत में डालने के लिए सरकार ने अब तुगलकी...

हमीरपुर : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि कोविड-19 की मुसीबत में घिरी प्रदेश की जनता की राशन की सब्सिडी बंद करके राहत देने की बजाय आवाम को और आफत में डालने के लिए सरकार ने अब तुगलकी फरमान जारी किया है। प्रदेश सरकार ने लोअर मिडिल क्लास, मिडिल क्लास की सब्सिडी बंद करने व काटने का फैसला सुनाया है। इस फैसले से प्रदेश की आधे से ज्यादा आबादी के जनजीवन पर विपरीत व व्यापक असर पड़ेगा। मुसीबत में फंसी मिडिल क्लास को और आफत में डालकर आखिर सरकार साबित क्या करना चाहती है यह समझ से परे है। संकट के इस दौर में जहां मिडिल क्लास सरकार से राहत की उम्मीद कर रही थी, वहीं सरकार ने मिडिल क्लास के सस्ते राशन की सुविधा छीन कर उनको असुरक्षा के माहौल में धकेल दिया है। 

उन्होंने कहा कि सरकार के अपने बयान और वक्तव्य एक बार फिर प्रदेश की जनता के लिए जुमला साबित होने वाले हैं। एक ओर जहां सरकार केंद्र से अरबों की राहत मिलने की बातें कर रही है, वहीं दूसरी ओर 50 हजार करोड़ का बजट पारित करने वाली सरकार ने महज 71 करोड़ की बचत के लिए जनता के राशन की सब्सिडी बंद करने का फैसला लिया है। इस फैसले से मुसीबत की घड़ी में फंसी जनता पर महंगाई का पहाड़ आवाम को आफत में डालने वाला साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता की आर्थिकी के मद्देनजर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने डिपुओं के माध्यम से सस्ते राशन की बड़ी व्यवस्था शुरू की थी। जिसके लिए माकूल बजट का प्रावधान भी किया गया था लेकिन अब जब मुसीबत में फंसी जनता को इसकी बेहद जरूरत है तो सरकार ने इस राहत को बंद करने का तुगलकी फरमान सुनाया है। 

उन्होंने कहा कि समझ में यह नहीं आ रहा है कि कोविड-19 के नाम पर प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़े हैं। कोविड-19 रिलीफ के नाम पर प्रदेश कर्मचारियों के वेतन बिना पूछे काटे जा रहे हैं। रिलीफ के नाम पर करोड़ों रुपए की मदद लोगों ने खुद आगे आकर सरकार को दी है। ऐसे में सरकार ने जनता के हितों पर डाका डालने वाला यह फरमान किस मकसद से सुनाया है यह तो सरकार ही बता सकती है। अपने मुंह लोकप्रिय सरकार का तगमा लेने वाली सरकार के अपने बयान और वक्तव्य विरोधाभाषी हैं। ऐसे में यह सरकार कम से कम जनता की नजर में तो लोकप्रिय हरगिज नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि मुसीबत के दौर में सरकार का यह फैसला असंवेदनशील ही नहीं अन्यायपूर्ण भी है। चाहिए तो यह था कि सरकार इस समय आवाम को कोई बड़ी राहत देती लेकिन उल्टा हुआ यह है कि सरकार ने पहले से मिली सस्ते राशन की सुविधा को भी बंद करके जनता की आफत और बढ़ा दी है।
 

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