बागवानी का ऐसा क्रेज कि पौधे ही नहीं खंभे भी इटली से मंगाए

Edited By prashant sharma, Updated: 29 Jan, 2021 01:28 PM

horticultural craze that not only plants but also poles were ordered from italy

बागवानी करने के लिए यदि इटली से पौध और खंभे मंगाए जाए तो आप इसे क्या कहेंगे। पर क्या कहें जब किसी चीज का क्रेज होता है तो ऐसा ही होता है। हिमाचल प्रदेश के युवा सेब बागवानों में बागवानी का गजब का क्रेज है।

शिमला : बागवानी करने के लिए यदि इटली से पौध और खंभे मंगाए जाए तो आप इसे क्या कहेंगे। पर क्या कहें जब किसी चीज का क्रेज होता है तो ऐसा ही होता है। हिमाचल प्रदेश के युवा सेब बागवानों में बागवानी का गजब का क्रेज है। वे सेब के पौधे ही नहीं, बल्कि सीमेंट के खंभे तक इटली से मंगवा रहे हैं। जिला शिमला की तहसील ठियोग की ग्राम पंचायत क्यार के सेब बागवान दीपक मेहता ने क्यार में इटली से मंगवाई सेब किस्मों का बगीचा तैयार किया है। लाखों खर्च कर सेब के 1000 पौधे रोपे हैं। यह इटली की ग्रिबा नर्सरी से 600 रुपये प्रति पौधे की दर से खरीदे हैं। ये पौधे करीब चार बीघा में लगाए हैं। सीमेंट के खंभों और तारों से इन्हें सहारा दिया है। 

दीपक के अनुसार ये पोल भी इटली से मंगवाए हैं, क्योंकि यहां इस तरह के नहीं मिलते हैं। उन्होंने किनारे वाले मोटे पोल 2500 रुपये और बीच वाले 2000 रुपये की दर से खरीदे हैं। एंटी हेलनेट की कैप्स भी इनमें लगी हैं। ये भी इटली से आई हैं। कुल 120 खंभे लगाए हैं। यह बगीचा फैदर्ड पौधों का 2020 में ही रोपा गया है। इसमें इसी साल फसल ली जाएगी। सिंचाई और दवा का प्रबंध ड्रिप प्रणाली से हो रहा है। इन खंभों में तारें बांधकर इनके सहारे सेब के एम 9 किस्म के बौने रूट स्टॉक को खड़ा किया जा रहा है। इन रूट स्टॉक पौधों पर इटली में ही कई तरह की किस्में ग्राफ्ट की गई हैं। बागवान इटली से रेड विलोक्स, जेरोमाइन, किंग रॉट जैसी रेड डिलिशियस उन्नत किस्में मंगवा रहे हैं। 
PunjabKesari
इनके परागण को रेडलम गाला, डेविल गाला जैसी प्रजातियों के इसी रूट स्टॉक पर ग्राफ्ट पौधे भी मंगवाए जा रहे हैं। ये किस्में एम 9 और अन्य रूट स्टॉक पर ग्राफ्ट की जाती हैं। एम 9 बौना रूट स्टॉक है। इस पर अच्छी गुणवत्ता वाले फल उगाए जा सकते हैं। इसे उच्च घनत्व में रोपा जाता है। इस पर रोपे पौधों की जड़ें भी छोटी होती हैं। इन्हें सहारा देकर खड़ा करना होता है। ऐसा न करने पर पौधे तेज हवा से गिर जाते हैं। इसलिए खास तरह के सीमेंट के खंभों में तारें बांधकर इन्हें कतारों में रोपा जाता है। इन तारों से ही इन्हें सहारा दिया जाता है। खंभों के ऊपर ओलावृष्टि रोकने को एंटी हेलनेट का लगाना भी आसान होता है। भारत में इस तरह के सीमेंट के खंभे नहीं बनते हैं तो बागवान इन्हें भी इटली से आयात कर रहे हैं। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!