ITI में अब सब्सिडाइज सीटों पर भी छात्रों से लिया जा रहा ऑनरेरियम

Edited By Simpy Khanna, Updated: 21 Aug, 2019 10:44 AM

honorium being taken from students on subsidy

हिमाचल की आई.टी.आई. में बच्चों की जेब से पैसा लेकर पूरे स्टाफ  में ऑनरेरियम बांटा जा रहा है। कुछेक आई.टी.आई. में तो सब्सिडाइज सीटों के तहत चलने वाले कोर्सों को भी नॉन-सब्सिडाइज में परिवर्तित कर सुनियोजित लूट को अंजाम दिया जा रहा है।

शिमला (देवेंद्र हेटा): हिमाचल की आई.टी.आई. में बच्चों की जेब से पैसा लेकर पूरे स्टाफ में ऑनरेरियम बांटा जा रहा है। कुछेक आई.टी.आई. में तो सब्सिडाइज सीटों के तहत चलने वाले कोर्सों को भी नॉन-सब्सिडाइज में परिवर्तित कर सुनियोजित लूट को अंजाम दिया जा रहा है। राज्य सरकार व तकनीकी शिक्षा विभाग यह सब जानने के बावजूद इस पर रोक नहीं लगा रहा। 

हालांकि इसी साल जनवरी महीने में सरकार के निर्देशों पर तकनीकी शिक्षा विभाग ने ग्रुप इंस्ट्रक्टर को बच्चों की फीस में से ऑनरेरियम देने पर रोक तथा रिकवरी के आदेश दिए थे लेकिन इन आदेशों पर भी अमल नहीं किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि आई.टी.आई. में चपड़ासी से लेकर प्रिंसी्पल तक सभी को सरकार अच्छी तनख्वाह दे रही है। ऐसे में बच्चों से फीस में से स्टाफ  को ऑनरेरियम देने का क्या औचित्य है।

 हिमाचल देश का इकलौता ऐसा राज्य बताया जा रहा है, जहां बच्चों की फीस में से रैगुलर स्टाफ को खैरात बांटी जा रही है। इस पर नैशनल फैडरेशन ऑफ गवर्नमैंट आई.टी.आई. इम्प्लाइज एसोसिएशन ने हैरानी जताते हुए तुरंत रोक लगाने की मांग की है। इसे लेकर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल हिमाचल के तकनीकी शिक्षा मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से भेंट कर चुका है।फैडरेशन ऑफ  गवर्नमैंट आई.टी.आई. इम्प्लाइज एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुलाब सिंह ठाकुर ने बताया कि हिमाचल की आई.टी.आई. में पूरे स्टाफ  को ऑनरेरियम दिया जा रहा है, जबकि देश के किसी भी राज्य में ऐसा नहीं हो रहा है।

अतिरिक्त कार्य पर है ऑनरेरियम देने का प्रावधान

भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार यदि कोई अनुदेशक अतिरिक्त कार्य कर रहा हो तो उस सूरत में ही उन्हें ऑनरेरियम दिए जाने का प्रावधान है लेकिन राज्य में केंद्र के आदेशों को तोड़-मरोड़ कर आई.टी.आई. के पूरे स्टाफ  को मलाई खिलाई जा रही है। इससे इन संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हजारों प्रशिक्षणार्थी खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं क्योंकि आई.एम.सी. (इंस्टीच्यूट मैनेजमैंट कमेटी) के नाम पर बच्चों से वसूली जाने वाली फीस में से ही इन्हें ऑनरेरियम बांटा जा रहा है।

इस दर से दिया जा रहा ऑनरेरियम

प्रदेश सरकार के आदेश संख्या ई.डी.एन. (टी.ई.) एफ (9)1/2000 के मुताबिक चौकीदार, सफाई कर्मी व चपड़ासी को 50 रुपए प्रति माह, ट्रेनिंग क्लर्क को 70 रुपए, इंस्ट्रक्टर को 100 रुपए, फोरमैन को 150 रुपए तथा प्रिंसीपल को 300 रुपए प्रति माह एक ट्रेड का दिया जाता है। सूत्रों की मानें तो कुछ आई.टी.आई. में 35 से 40 ट्रेड चल रहे हैं। ऐसे में 40 ट्रेड वाली एक आई.टी.आई. में एक प्रिंसीपल को प्रति माह 10,000 रुपए से ज्यादा प्रतिमाह बच्चों की फीस से ऑनरेरियम मिल रहा है।

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