HIMFED को 27 करोड़ का Loss, घाटे से उभरने के लिए बनाया ये Plan (Video)

Edited By Vijay, Updated: 14 Nov, 2019 04:02 PM

27 करोड़ के घाटे में चल रहे हिमफैड ने अपने घाटे को उभारने के लिए 4 कोल्ड स्टोरेज, पैट्रोल पंप की संख्या बढ़ाने और फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की योजना बनाई है। कई वर्षों से घाटे में चल रहे हिमफैड ने वित्त वर्ष 2018-19 में 1.68 करोड़ का मुनाफा कमाया...

शिमला (योगराज): 27 करोड़ के घाटे में चल रहे हिमफैड ने अपने घाटे को उभारने के लिए 4 कोल्ड स्टोरेज, पैट्रोल पंप की संख्या बढ़ाने और फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की योजना बनाई है। कई वर्षों से घाटे में चल रहे हिमफैड ने वित्त वर्ष 2018-19 में 1.68 करोड़ का मुनाफा कमाया है और घाटे को थोड़ा कम किया है। हिमफेड ने इस सेब सीजन में मंडी मध्यस्थता योजना के तहत प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित सी ग्रेड के सेब को बागवानों से न्यूनतम 8 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से खरीदा।

हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने बताया कि सेब सीजन के दौरान 117 सेब बिक्री केंद्र हिमफैड के पास थे। सरकार द्वारा तय मापदंडों के मुताबिक ही हिमफैड सेब क्रय करता है। बैग में सी ग्रैड का सेब खरीदा जाता है, जिसकी सारी रिपोर्ट सरकार को दी जाती है। इस मर्तबा 28,000 मैट्रिक टन सेब हिमफैड ने खरीदा है, जिसकी कीमत 22 करोड़ 37 लाख 49 हजार 400 किसानों को अदा की गई है। इस मर्तबा 7 लाख से ज्यादा सेब के बैग लगे। हिमफैड ने 8 करोड़ 12 लाख में किसानों से खरीदा सेब आगे बेचा।

हिमफैड ने 55 पैसे घाटे के साथ 2 रुपये 95 पैसे में सेब बेचा जबकि सरकार ने रेट साढ़े 3 रुपए तय किए थे लेकिन बम्पर प्राइज के चलते कम रेट में सेब बिका है। गणेश दत्त ने सरकार से हिमफैड को हुए घाटे को पूरा करने के लिए मदद की उम्मीद जताई है। इस सेब सीजन में हिमफैड की किसी तरह की शिकायत नहीं आई है। वहीं गणेश दत्त ने धर्मशाला में आयोजित हुई इन्वैस्टर मीट के लिए सरकार को बधाई दी और कहा कि कृषि और बागवानी क्षेत्र में भी निवेश के लिए एमओयू साइन हुए हैं। अगर सरकार कृषि और बागवानी क्षेत्र में हिमफैड के लिए कोई कार्य देगा तो उसके लिए हिमफैड सहयोग देने के लिए तैयार है। सरकार हिमफैड को भी इसमें भागीदार बनाए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन्वैस्टर मीट को लेकर बहुत बेतुके बयान दे रही है और इन्वैस्टर मीट को गलत साबित करने में लगी हुई है लेकिन कांग्रेस को आने वाले समय में इन्वैस्टर मीट के सफल होने पर खुद ही इसका जवाब मिल जाएगा। कांग्रेस एक नकारात्मक सोच वाली पार्टी बनकर रह गई है। कांग्रेस अपने समय में प्रदेश में प्रदेश के विकास के लिए खुद कोई बड़ा निवेश नहीं ला पाई इसलिए भाजपा सरकार के प्रयासों को देखकर बौखला गई है।

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