अब जल्द बदलेगी बागवानों की तकदीर, न्यूजीलैंड की मदद से हिमाचल करेगा ये काम

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Jan, 2018 09:57 PM

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हिमाचल अब न्यूजीलैंड की मदद से हाई क्वालिटी सेब पैदा करेगा।

शिमला (राजीव): हिमाचल अब न्यूजीलैंड की मदद से हाई क्वालिटी सेब पैदा करेगा। न्यूजीलैंड हिमाचल के बागवानों को सेब उत्पादन को लेकर तकनीकी जानकारी देगा। इसको लेकर हिमाचल और न्यूजीलैंड के बीच पहले ही एम.ओ.यू. साइन हुआ है और अब जल्द ही न्यूजीलैंड के अधिकारी यहां आकर बागवानों को जानकारी देंगे। इसको लेकर शुक्रवार को न्यूजीलैंड की हाई कमिश्नर जोएना कैंपकर्स ने सी.एम. जयराम ठाकुर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच बागवानी विकास परियोजना को लेकर चर्चा की गई। विश्व बैंक ने हिमाचल सरकार को बागवानी विकास प्रोजैक्ट मंजूर किया है और इसमें न्यूजीलैंड तकनीकी सहयोग दे रहा है। इसके साथ-साथ वह अन्य कई क्षेत्रों में भी सहयोग कर रहा है। 

प्रदेश को 1134 करोड़ रुपए की सहमति पर जताया आभार
मुख्यमंत्री ने जोएना कैंपकर्स व अन्य का स्वागत करते हुए प्रदेश के वर्तमान बगीचों में चल रही गतिविधियों के अतिरिक्त मंडी, चम्बा व सिरमौर आदि अन्य जिलों में बगीचों के विस्तार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे भारत सरकार तथा विश्व बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश को 1134 करोड़ रुपए के हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के लिए धनराशि उपलब्ध करवाने पर सहमति व्यक्त करने के लिए आभारी हंै। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश में बागवानी क्षेत्र में नई तकनीक को आरम्भ करने में सहायता मिलेगी। 

प्रदेश के बागवानों का भविष्य होगा समृद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘उच्च तकनीक’ बागवानी के रोड मैप से न केवल बागवानी के क्षेत्र में क्रान्ति आएगी बल्कि प्रदेश के बागवानों का भविष्य भी समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि न्यूजीलैंड द्वारा प्रति हैक्टेयर में उच्च गुणात्मक सेब उत्पादन उल्लेखनीय है, जो औसतन प्रति हैक्टेयर लगभग 65 मीट्रिक टन है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड लगभग 60 से 70 देशों को बागवानी से सम्बन्धित तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है।

बागवानी विभाग के विशेषज्ञ प्राप्त करेंगे तकनीकी ज्ञान
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि न्यूजीलैंड के विशेषज्ञ प्रदेश के बागवानी विभाग के विशेषज्ञ को तकनीकी ज्ञान प्रदान करेंगे, जिससे प्रदेश के आमजनों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित होगा। न्यूजीलैंड के कृषि विशेषज्ञ, जो विश्व में फलोत्पादन में अग्रणी हैं, के साथ मिलकर कार्य कर हिमाचल प्रदेश के फल उत्पादकों को निश्चित रूप से सहायता मिलेगी। उन्होंने विशेषज्ञों को प्रदेश में वर्तमान में 6 से 7 मीट्रिक टन उत्पादन को कम से कम देश की 50 प्रतिशत उत्पादन क्षमता तक बढ़ाने की चुनौती के बारे में भी बताया। 

न्यूजीलैंड-भारत के सेब उत्पादक एक-दूसरे के सहयोगी
न्यूजीलैंड की उच्चायुक्त जोएना कैम्पकर्स ने हिमाचल प्रदेश सरकार की सकारात्मक सोच के लिए आभार जताते हुए कहा कि न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों के साथ अनुबंध का निर्णय हमारे विश्व स्तरीय बागवानी उद्योग को मान्यता देता है, जो सेब के उच्च उत्पादन, गुणात्मक फलों व नवावेश के लिए जाना जाता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना प्रदेश के बागवानों के साथ न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों के लम्बे सहयोग का सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड तथा भारत के सेब उत्पादकों की बाजार में कोई प्रतियोगिता नहीं है बल्कि ये एक-दूसरे के सहयोगी हैं। उन्होंने परामर्शदाताओं को रखने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की तथा कहा कि इससे बगीचों के प्रबन्धन तथा उत्पादन में सुधार लाने में सहायता मिलेगी और अधिक रोजगार सृजित होने के साथ-साथ जीवनयापन में भी सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड विश्वभर में बागवानी क्षेत्र में नए सुधारों,उच्च उत्पादन के साथ-साथ वैज्ञानिक व विश्व स्तरीय कार्य प्रणाली के लिए जाना जाता है। 

न्यूजीलैंड में सेब व नाशपाती का सर्वाधिक उत्पादन
न्यूजीलैंड में सेब व नाशपाती का विश्वभर में सर्वाधिक उत्पादन होता है, जो प्रतिवर्ष औसतन 65 मीट्रिक टन प्रति हैक्टेयर है व हमारे निकटतम प्रतिद्वंदियों से 50 प्रतिशत अधिक है। विश्व में सबसे बेहतर उत्पादन और फसल कटाई प्रणाली तथा उच्च गणुवत्ता वाले फलों के उत्पादन में न्यूजीलैंड ने विश्वभर में उच्च स्थान हासिल किया है। यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के बागवानों को न्यूजीलैंड के विशेषज्ञों से उनके बगीचों की उत्पादकता में सुधार लाने तथा गुणात्मक फसल तैयार करने के साथ-साथ बागवानों को बेहतर आय सृजित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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