Edited By Vijay, Updated: 13 Jun, 2018 12:05 AM
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने 113 स्थलों को ईको पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए चयनित किया है। इनमें 5 स्थलों को सार्वजनिक निजी सहभागिता आधार पर, 16 को राज्य वन विभाग तथा 47 स्थलों को हिमाचल प्रदेश राज्य वन निगम को इनमें...
मनाली: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने 113 स्थलों को ईको पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए चयनित किया है। इनमें 5 स्थलों को सार्वजनिक निजी सहभागिता आधार पर, 16 को राज्य वन विभाग तथा 47 स्थलों को हिमाचल प्रदेश राज्य वन निगम को इनमें परिस्थितिकीय पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के लिए दिया गया है। मुख्यमंत्री मंगलवार को अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण एवं संबद्ध खेलें संस्थान में राज्य वन विभाग तथा हिमाचल प्रदेश ईको पर्यटन समिति द्वारा ‘हिमाचल प्रदेश में ईको पर्यटन की सम्भावनाओं’ पर आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे।
25 नए गंतव्य होंगे विकसित
उन्होंने कहा कि प्रकृति के आंचल में सैलानियों के ठहरने के लिए लॉग-हट्स का निर्माण कर 25 नए गंतव्यों को विकसित किया जाएगा। वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 3 ईको पर्यटन हट्स को विकसित किया जाएगा। ईको पर्यटन समिति, पर्यटन विभाग तथा पर्वतारोहण मनाली के समन्वय से 10 स्थानों को साहसिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 31 ईको पर्यटन सॢकट तैयार किए गए हैं और इन्हें स्वीकृ ति के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर्यटन के नाम पर राजनीतिक रोटियां ही सेंकती रही। उन्होंने राज्य में ईको पर्यटन विकास का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री को सौंपा।
ईको क्लब की सदस्यता का भरा फार्म
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ईको क्लब की सदस्यता का फार्म भी भरा। केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के.जे. अल्फांस ने कहा कि राज्य में पर्यटन की अपार संभावना है जिसके न्याय संगत दोहन की आवश्यकता है। पर्यटन में भारत का भविष्य अच्छा है क्योंकि वैश्विक स्तर पर पर्यटन में 7 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले भारत में यह वृद्धि 15.6 प्रतिशत दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक एवं साहसिक पर्यटन की अपार संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए केंद्र यथा संभव मदद देगा।