हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कल्याण मंच ने की पेंशन के स्थाई समाधान चर्चा

Edited By prashant sharma, Updated: 05 Jan, 2021 05:19 PM

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हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कल्याण मंच की बैठक हुई। बैठक में एचआरटीसी के पेंशनरो की पेंशन के स्थाई समाधान व अन्य लंबित वित्तीय लाभों के बारे गम्भीरता से चर्चा की गई।

नूरपुर (संजीव महाजन) : हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कल्याण मंच की बैठक हुई। बैठक में एचआरटीसी के पेंशनरो की पेंशन के स्थाई समाधान व अन्य लंबित वित्तीय लाभों के बारे गम्भीरता से चर्चा की गई। प्रदेश अध्यक्ष बलराम पूरी ने चर्चा के दौरान बताया गया कि निगम के पेंशरो को समय पर पेंशन न मिलते हुए माह की 22-25 तारीख के पच्छाद नसीब हो रही है। जिस कारण पेंशनरों को अपना जीवन यापन करना मुश्किल हो रहा है। इसके अतिरिक्त पेंशनरों को वित्तीय लाभ जो पिछले पांच बर्षो से लंबित चले आ रहे हैं अभी तक सरकार व निगम प्रबंधन द्वारा भुगतान नहीं हुए। सभी भत्तों की लगभग 300 करोड़ रुपये से अधिक देनदारियां राज्य सरकार/निगम प्रबंध द्वारा पेंशरो की लंबित रखी हुई है। जिस कारण पेंशनर जिन्होंने अपना 35-40 वर्ष का जीवनकाल भीष्म परिस्थितियों में जनता की सेवा में अर्पित किया है, वे अपने पैसे के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। 

पेंशनर को वर्ष 2015 से 2016 तक एक वर्ष का महंगाई भत्ते का एरियर दिए जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन निगम प्रबंधन द्वारा आज तक इस वीओडी के निर्णय को अमलीजामा नही पहनाया, जिस कारण पेंशनरों में भारी रोष है। उपरोक्त सभी को नज़र रखते हुए निर्णय लिया गया कि एचआरटीसी के पेंशनरों की पेंशन के स्थाई समाधान व अन्य लंबित वित्तिय लाभों के भुगतान बारे वर्ष 2018 जब से वर्तमान सरकार सतासीन हुई है तब से इन तीन वर्षों में निगम के पेंशनरों ने पेंशन का बजट में स्थाई समाधान व लंबित वित्तीय लाभों के भुगतान हेतु बार-बार मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व वित्त सचिव से पत्राचार किए गए।लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे।अब पुनः बर्ष 2021-22 का वजट सत्र आने वाला है।एचआरटीसी के पेंशनर राज्य सरकार से आग्रह व सरकार को आगाह करते है कि वर्ष 2021-22 के बजट में एचआरटीसी की पेंशनरों की पेंशन का स्थाई समाधान व लंबित वित्तिय लाभों के भुगतान का इस बजट में प्रावधान करें अन्यथा एचआरटीसी के पेंशनरों को सरकार के विरूद्ध कठोर कदम उठाने पर विवश न होना पड़े। जिसकी जिम्मेदारी सरकार व निगम प्रबंधन की होगी।
 

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