Edited By Vijay, Updated: 23 Apr, 2018 01:40 AM
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मंत्री डा. हर्षवर्धन और पर्यटन राज्य मंत्री के.जे. अल्फोंस से मुलाकात की....
शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के मंत्री डा. हर्षवर्धन और पर्यटन राज्य मंत्री के.जे. अल्फोंस से मुलाकात की तथा उनसे हिमाचल प्रदेश में जलवायुगत परिवर्तनों के मद्देनजर यहां के मूल्यवान प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई 2 बड़ी परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा वनों व पारिस्थितिकी संतुलन को बरकरार रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों को मजबूती प्रदान करने में पूरी मदद प्रदान करेगा।
1644 करोड़ 32 लाख रुपए की अनुमानित लागत की 2 परियोजनाएं
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि प्रदेश के पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से 1644 करोड़ 32 लाख रुपए की अनुमानित लागत की 2 परियोजनाएं केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेजी गई हैं। इनमें 1125.32 करोड़ रुपए की महत्वाकांक्षी परियोजना जल संरक्षण एवं प्राकृतिक जल संसाधनों के सामुदायिक प्रबंधन को लेकर है और दूसरी 492 करोड़ रुपए की परियोजना हिमाचल प्रदेश में जलवायुगत वन प्रबंधन पर आधारित है। इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय अनुकूलन कोष के तहत प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को भेजी गई 57 करोड़ रुपए की 3 अन्य परियोजनाओं को भी मंजूरी प्रदान करने का आग्रह किया।
ये हैं हिमाचल की 3 अन्य परियोजानाएं
हिमाचल की परियोजनाओं में कुल्लू जिला में स्थित पार्वती घाटी में ग्लेशियरों के निरंतर सिकुडऩे और इससे बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिए 20.49 करोड़ रुपए की परियोजना, कुल्लू जिला की बंजार घाटी में जलवायु परिवर्तन के दृष्टिगत कृषि व बागवानी को बढ़ावा देने के लिए 19.92 करोड़ की परियोजना व कुल्लू जिला में स्थित ग्रेट हिमालयन नैशनल पार्क में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देकर वनों पर दबाव कम करके पारिस्थितिकी संतुलन को बरकरार रखने के लिए तैयार की गई 17.34 करोड़ रुपए की परियोजना शामिल है।
हिमाचल में पर्यटन को बढ़ावा देने में भरपूर सहयोग करेगा केंद्र
इसके बाद मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री के.जे. अल्फोंस से मुलाकात की और उनसे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करने, ईको एडवैंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने व यहां के नैसर्गिक सौंदर्य से परिपूर्ण व अछूते पर्यटन स्थलों को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से अंकित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा तैयार की गई 300 करोड़ रुपए लागत की 3 योजनाओं को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार द्वारा इस पर्वतीय राज्य में पर्यटन संभावनाओं के दोहन व विस्तार के लिए भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा।
प्रैजैंटेशन देने के लिए दिल्ली बुलाए जाएंगे राज्य के अधिकारी
केंद्रीय मंत्री ने बैठक में उपस्थित अपने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के विस्तार व संभावनाओं के दोहन के बारे में राज्य के अधिकारियों को प्रैजैंटेशन के लिए दिल्ली बुलाएं। मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि प्रदेश अपनी विविध भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत पूरा वर्ष सैलानियों को आकर्षित करता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन पर जितना फोकस होना चाहिए था, उतना इससे पहले नहीं हो पाया लेकिन अब राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और यहां के अछूते नैसर्गिक स्थलों में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने पर विशेष बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री को हिमाचली शॉल व टोपी भेंट करके उनका अभिनंदन किया।