विदेश में कबूतरबाजी का शिकार हुआ हिमाचल का युवक, एजैंट ने ऐसे हड़पे लाखों रुपए

Edited By Vijay, Updated: 26 Dec, 2018 04:39 PM

himachal s young man has victim of fraud in abroad

कुठेड़ा खैरला (अम्ब) का एक युवक कथित कबूतरबाजी का शिकार हुआ है। वियतनाम के हो चि मिन्ह सिटी में बैठे एक एजैंट ने युवक को साऊथ कोरिया में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए हैं। पीड़ित ने विदेश मंत्रालय दिल्ली में इस संबंध में शिकायत की है।...

अम्ब (अश्विनी): कुठेड़ा खैरला (अम्ब) का एक युवक कथित कबूतरबाजी का शिकार हुआ है। वियतनाम के हो चि मिन्ह सिटी में बैठे एक एजैंट ने युवक को साऊथ कोरिया में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाखों रुपए हड़प लिए हैं। पीड़ित ने विदेश मंत्रालय दिल्ली में इस संबंध में शिकायत की है। बुधवार को अम्ब में राकेश कुमार पुत्र तिलक राज निवासी कुठेड़ा खैरला ने पत्रकारों से व्यथा सुनाते हुए बताया कि वह वर्ष 2016 में अपने भाई के पास घूमने थाइलैंड गया हुआ था तो उस दौरान उसकी वहां पर धूरी, संगरूर (पंजाब) के एक व्यक्ति से मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान उसने बताया कि वह इंडिया के लोगों के कागजात बनवाकर साऊथ कोरिया भेजता है। कुछ समय के बाद उसने उसके साथ सम्पर्क किया कि वह साऊथ कोरिया चला जाए क्योंकि वहां पर तनख्वाह काफी अच्छी है और यह सारा काम वियतनाम से होगा।

एजैंट ने वीजे के नाम पर लिए 4700 यू.एस. डॉलर

उसने विदेश जाने की चाहत में पैसों का इंतजाम किया और 3 दिसम्बर, 2017 को वह उक्त एजैंट के पास वियतनाम (हो चि मिन्ह सिटी) चला गया। एजैंट ने वहां पर उससे 4700 यू.एस. डॉलर लिए। उसने पासपोर्ट ले लिया व कुछ दस्तावेज पर हस्ताक्षर करवाने के बाद उनके नाम की कम्पनी बनवा दी और उसका 2 साल का टैम्परेरी रैजीडैंस कार्ड (अस्थायी नागरिकता कार्ड) भी बनवा दिया। उसने मल्टीपल वीजा लगवाने के बाद 3 जून, 2018 में उस और गारंटर समेत इंडिया के 4 लोगों का ग्रुप बनाकर साऊथ कोरिया भेज दिया लेकिन जेजों (साऊथ कोरिया) एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन के अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया और अपनी कस्टडी में ले लिया जबकि उनमें से एक व्यक्ति (जो गारंटर था) के साथ इमिग्रेशन वालों ने बात की और उसे आगे भेज दिया।

डिवोट रूम की कस्टडी में बिताए 7 दिन

वीजा दस्तावेजों में खामियां होने के चलते इमिग्रेशन वालों ने उन तीनों को डिवोट रूम की कस्टडी में भेज दिया। इस बीच उन्होंने उक्त एजैंट से फोन पर बात की तो उसने बताया कि वह उन्हें यहां से निकाल लेगा लेकिन 2-3 दिन के बाद उसने उनके फोन उठाने बंद कर दिए। डिवोट रूम में करीब एक सप्ताह तक कस्टडी में रहने के बाद वे तीनों वापस वियतनाम आ गए। वियतनाम में उन्होंने उससे सम्पर्क किया। इस दौरान उसने उसे भरोसा दिलाया कि इस बार 100 प्रतिशत काम हो जाएगा और उसकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए उसने 1500 डॉलर फिर ले लिए। अक्तूबर महीने में वह कहने लगा कि अब वीजा लगने मुश्किल हो गए हैं इसलिए आप इंडिया चले जाओ। समय आने पर आपको बुला लूंगा।

इमिग्रेशन दफ्तर में नहीं किया समझौता, बुक करवा दी इंडिया की टिकट

जब उसने उसे कहा कि वह कर्ज लेकर यहां आया है और उसके साथ बहस हुई तो उसने वियतनाम पुलिस में उसके खिलाफ  शिकायत कर दी कि वह ड्रग लेता है। पुलिस से 3 दिन तक छुपते हुए वह वियतनाम में स्थित इमिग्रेशन दफ्तर पहुंचा और अपनी आपबीती सुनाई। वहां पर शिकायत के बाद तैनात अधिकारियों ने उक्त एजैंट को बुलाया और उसे कहा कि लेन-देन को लेकर समझौता करो लेकिन उसने पैसे का हिसाब-किताब न देते हुए उनकी वहां से इंडिया की टिकट बुक करवा दी। वियतनाम में न्याय को लेकर वह काफी दिन तक घूमता रहा और आखिरकार पैसे खत्म होने के बाद इंडिया आ गया।

इमिग्रेशन ऑफिस में की ऑनलाइन शिकायत

साऊथ कोरिया से डिवोट होकर आए उन तीनों में से निवासी खारा अमृतसर (पंजाब) का एक युवक पहले आ गया था जबकि वह व गांव मर्गिंडपुरा तरनतारन (अमृतसर) पंजाब का रहने वाला एक युवक उसके साथ इंडिया आया। राकेश कुमार ने आरोप लगाया है कि वियतनाम से साऊथ कोरिया भेजने के नाम पर उस जैसे कई लोग उक्त एजैंट की कथित ठगी का शिकार हो रहे हैं। उसने वियतनाम (हो चि मिन्ह सिटी) के इमिग्रेशन ऑफिस में एजैंट के खिलाफ  ऑनलाइन शिकायत की है। पीड़ित राकेश कुमार ने विदेश मंत्रालय दिल्ली को भेजे गए शिकायत पत्र में मांग की है कि हो चि मिन्ह सिटी (वियतनाम) में बैठे हुए उक्त एजैंट के खिलाफ कार्रवाई की जाए। 

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