हिमाचल के किसान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर, सरकार को दी चेतावनी

Edited By kirti, Updated: 23 Dec, 2018 04:32 PM

himachal s farmer once again on the path of agitation

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से किसान बड़े आंदोलन करने की राह पर हैं। किसानों की समस्याओं के लिए बनी संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने सरकार को किसानों से सेब सीजन में की गई अवैध वसूली को लौटाने की मांग की है। सरकार अगर जल्द किसानों से की अवैध ...

शिमला(योगराज): हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर से किसान बड़े आंदोलन करने की राह पर हैं। किसानों की समस्याओं के लिए बनी संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने सरकार को किसानों से सेब सीजन में की गई अवैध वसूली को लौटाने की मांग की है। सरकार अगर जल्द किसानों से की अवैध वसूली को वापिस नहीं दिलाती तो समिति ने सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। किसान नेता संजय चौहान का कहना है कि प्रदेशभर के किसानों को संगठित कर किसान संघर्ष समिति प्रदेश में बड़ा आंदोलन छेड़ेगी। किसान नेता ने आरोप लगाया है कि प्रदेश की मण्डियों व मण्डियों से बाहर हो रहे किसानों के शोषण व लूट को रोकने में एपीएमसी व प्रदेश सरकार विफल रही है।

पुलिस भी दबाव में कार्य कर रही

किसान संघर्ष समिति के प्रयासों से 23 नवंबर, 2018 को ठियोग थाना में दोषी आढ़ती के विरुद्ध 11 बागवानों के द्वारा FIR दर्ज की गई थी जिसकी संख्या 0230 व 0231हैं। इसमे IPC की धारा 420,504,506 व 34 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया था। परन्तु एक माह बीतने के बावजूद पुलिस द्वारा मुकदमों में नामजद अभियुक्त के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। इससे प्रतीत होता है कि पुलिस भी दबाव में कार्य कर रही हैं। गैर जमानती धाराओं के बावजूद आजतक एक भी अभियक्त को पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए नहीं लाया गया हैजो कि पूरी तरह देश के कानून के विरुद्ध है।

यदि बागवान अपने पैसे मांगते हैं तो

हिमाचल प्रदेश की मण्डियों में कई आढ़ती कई वर्षों से किसानों के सेब की फसल का भुगतान नहीं कर रहे है और बागवानों द्वारा एपीएमसी में शिकायत करने के बावजूद कोई भी कार्यवाही एपीएमसी द्वारा नहीं की जा रही हैं। जिस पर किसानों ने एपीएमसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए है। किसान नेता संजय चौहान ने कहा कि एपीएमसी कानून, 2005 के अनुसार प्रदेश की मण्डियों को नियंत्रित करना एपीएमसी का उत्तरदायित्व है। बागवानों को कई आढ़ती कई वर्षों से भुगतान नहीं कर रहे है यदि बागवान अपने पैसे मांगते हैं तो उन्हें डराया जाता है या फोन ही नहीं उठाते हैं। प्रदेश के करीब 60 प्रतिशत बागवानों का बकाया भुगतान आढ़तियों से लेना है। सरकार व एपीएमसी की लचर कार्यप्रणाली के चलते बागवानों से लूट व शोषण हर साल बढ़ता ही जा रहा है।

5 रुपए प्रति पेटी की कटौती ही सुनिश्चित की जाए

किसानों ने मांग की है कि बागवानों द्वारा दोषी आढ़तियों के विरुद्ध की गई FIR पर सरकार तुरन्त कार्यवाही करें। सरकार एपीएमसी कानून,2005 के प्रावधानों जिसमें खरीददार से अग्रिम राशि रखने का प्रावधान करे व बागवानों का भुगतान बोली अंतिम होने पर तुरन्त किया जाए। प्रदेश में तय की गई अनलोडिंग की 5 रुपए प्रति पेटी की कटौती ही सुनिश्चित की जाए जहां 10-30 रुपए तक गैर कानूनी कटौती जिन आढ़तियों ने बागवानों से की है उसे तुरंत वापिस किया जाए। प्रदेश की मण्डियों में बागवानों की इस लूट को तुरंत बंद किया जाए औऱ दोषी आढ़तियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।

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