हिमाचल की ये बेटियां सबके लिए बनी मिसाल, CM जयराम ने किया सम्मानित

Edited By Ekta, Updated: 17 Jul, 2018 09:57 AM

himachal of these daughter made for everyone example

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। देश की आधी आबादी का सशक्त होना महत्वपूर्ण है, तभी हमारा समाज सशक्त होगा। प्रदेश महिला आयोग द्वारा राज्य स्तरीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम एवं सशक्त महिला सम्मान...

शिमला (विकास): मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना समाज का विकास संभव नहीं है। देश की आधी आबादी का सशक्त होना महत्वपूर्ण है, तभी हमारा समाज सशक्त होगा। प्रदेश महिला आयोग द्वारा राज्य स्तरीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम एवं सशक्त महिला सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि महिला सशक्तिकरण के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। यदि महिलाओं को अवसर प्रदान किए जाएं तो वे हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं। उन्होंने कहा है कि हमें बेटियों को स्कूलों में ही उनके अधिकारों बारे जानकारी देनी होगी। 


उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग में प्रतिवर्ष लगभग 1000 मामले आते हैं जिनमें से आयोग द्वारा 600 मामलों का निपटारा सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाता है। इस मौके पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डे.जी. ठाकुर ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम महिलाओं को उनके अधिकारों बारे ज्ञान प्राप्त करने के अवसर प्रदान करते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र शर्मा ने महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता उनके सशक्तिकरण का प्रभावी साधन है। 


मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य महिला आयोग के ‘लोगो’ का  विमोचन भी किया। इस ‘लोगो’ को मंडी जिला के धर्मेंद्र ने बनाया है, जिन्हें मुख्यमंत्री ने हिमाचली टोपी व 11,000 रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित कया। उन्होंने ‘लोगो’ डिजाइन प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर आने वाले नरेंद्र कुमार को भी सम्मानित किया। उन्होंने पुरस्कार राशि 5,100 रुपए को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को ऐच्छिक निधि से 21,000 रुपए देने की भी घोषणा की।


प्रीति ने अपने इलाज के लिए इकट्ठे किए थे 1.62 लाख, कर दिए दान
मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित प्रीती कंवर बचपन से ही मायोपैथी यानि की मस्सकुलर डिजीज से ग्रसित है। प्रीति लगभग 16 साल की है और मंडी के सुंदरनगर से संबंधित है। प्रीति के परिवार ने उसके इलाज के लिए 1.62 लाख की राशि इकट्ठी की थी लेकिन प्रीति ने सोलन में पिछले दिनों आग से झुलसी एक लड़की जिसका इलाज इन दिनों पी.जी.आई. में चल रहा, उसके इलाज के लिए दे दी है। प्रीति के इसी जज्बे के लिए महिला आयोग ने उसे सम्मानित किया है। इन बेटियों में सोलन की सीमा ठाकुर जो शिमला में परिवहन निगम की बस चला कर  मिसाल कायम की है। सीमा प्रदेश की पहली ऐसी महिला है जो बस चला रही है। इसके अलावा जिला मंडी की गीता वर्मा को सम्मनित किया गया। गीता वर्मा को खसरा-रूबेला टीकाकरण के दौरान बेहतर कार्य किया है।


सिरमौर की प्रियंका नेगी ने कबड्डी विश्व कप और चीन में आयोजित तीसरे एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीता था उनकी इस उपलब्धि के लिए महिला आयोग सम्मानित किया। किन्नौर की शशी नेगी, जिन्होंने सर्बिया में आयोजित राष्ट्रीय जूनियर मुक्केबाजी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल पर पंच मारा। जिला चंबा की सीमा ने बैंकांक में एशियन दौड़ स्पर्धा में कांस्य जीता और कुल्लू जिला की आंचल ठाकुर ने स्कीइंग की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन किया। इसके आलावा मंडी की प्रीति कंवर जो खुद जीवन की जंग लड़ रही हैं। इसके बावजूद उसने अपने उपचार की परवाह न करते हुए जीवन और मौत के बीच जूझ रही एक पांच साल की बच्ची सृष्टि के इलाज के लिए एक लाख रुपये की राशि देकर आर्थिक मदद की थी उनके इस जज्बे को देखते हुए उन्हें सम्मानित किया गया। 

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