Edited By Ekta, Updated: 08 Aug, 2018 03:10 PM
हिमाचल में बारिश का कहर जारी है। कहीं लैंड स्लाइड से रास्ते बंद हो रहे हैं तो कहीं पेड़ आदि गिर रहे हैं। जहां हिमाचल में बहने वाली नदियां उफान पर हैं। वहीं पूरे उत्तरी भारत को बिजली की आपूर्ति करने वाले भाखड़ा डैम के जलस्तर में इस बार पिछले वर्ष की...
बिलासपुर (मुकेश): हिमाचल में बारिश का कहर जारी है। कहीं लैंड स्लाइड से रास्ते बंद हो रहे हैं तो कहीं पेड़ आदि गिर रहे हैं। जहां हिमाचल में बहने वाली नदियां उफान पर हैं। वहीं पूरे उत्तरी भारत को बिजली की आपूर्ति करने वाले भाखड़ा डैम के जलस्तर में इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा लगभग 50 फीट की कमी चल रही है। इस साल जलस्तर अगस्त महीने में भी मात्र 1578 फीट है। दूसरी ओर पौंग डैम का भी यही हाल बना हुआ है। ऐसे में यदि पानी की आवक कम रही तो दोनों ही डैमों में पानी का स्तर कम रह सकता है। जिससे आने वाले समय में जहां हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में जल संकट गहरा सकता है।
बिजली आपूर्ति की भी कमी बन सकती है और अगर जलस्तर नहीं बढ़ा तो हिमाचल में मछली उत्पादन में भी भारी कमी आ सकती है। ये भी एक चिंता का विषय है, हालांकि इस बार पानी की कमी के चलते भाखड़ा डैम सतलुज झील और पौंग डैम में मछली पकड़ने पर 15 दिन का प्रतिबंद ओर लगा दिया गया है। भाखड़ा, पौंग की सहयोगी सतलुज और ब्यास नदियों के कैंचमैंट एरिया में मानसून की बारिश में 11 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है। जिस कारण दोनों ही प्रमुख डैमों में पानी की आवक कम होने के कारण जलस्तर में कमी बनी हुई है। बीबीएमबी ने हाल ही में जलस्तर को लेकर चंडीगढ़ में एक समीक्षा बैठक भी की है जिसमें पंजाब, राजस्थान पानी को लेकर चिंता जताई गई है। कम जलस्तर होने से इस बार हिमाचल में मछली उत्पादन में भी भारी कमी आएगी।