Edited By Vijay, Updated: 25 Oct, 2019 10:09 PM
सितम्बर माह में 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने और 8 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके सभी अंशकालीन कर्मचारियों को दैनिक भोगी बनाने सहित अन्य वित्तीय लाभ देने का निर्णय राज्य सरकार पर भारी पड़ा है। इसके चलते राज्य सरकार को...
शिमला: सितम्बर माह में 3 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने और 8 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके सभी अंशकालीन कर्मचारियों को दैनिक भोगी बनाने सहित अन्य वित्तीय लाभ देने का निर्णय राज्य सरकार पर भारी पड़ा है। इसके चलते राज्य सरकार को अपना वित्तीय संतुलन बनाए रखने के लिए 2 अलग-अलग मदों में 400 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ा है। पहली मद में 3 साल के लिए 200 करोड़ रुपए और दूसरी मद में 10 साल के लिए 200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा रहा है। इस तरह 2 माह के अंतराल के बाद सरकार फिर से कर्ज लेने के लिए बाध्य हुई है।
अगस्त माह में लिया था 250 करोड़ रुपए का कर्ज
इससे पहले अगस्त माह में राज्य सरकार ने 250 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, जबकि गत जुलाई माह में 750 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, ऐसे में राज्य सरकार अब तक कुल करीब 52,645 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। हालांकि राज्य सरकार समय-समय पर पहले लिए गए कर्ज को ब्याज सहित चरणबद्ध तरीके से लौटाती भी रहती है, जिससे कर्ज की कुल राशि में कुछ कटौती हो सकती है।
वेतन पर खर्च हो रहे 100 में से 27.84 रुपए
प्रदेश की खराब वित्तीय हालत का पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि वित्तीय वर्ष, 2019-20 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट के अनुसार 100 रुपए में से वेतन पर 27.84 रुपए खर्च हो रहे हैं। इसके अलावा पैंशन पर 15 रुपए, ब्याज अदायगी पर 10.25 रुपए, ऋण अदायगी पर 7.35 रुपए और शेष 39.56 रुपए विकास कार्य के लिए व्यय हो रहे हैं। वित्तीय वर्ष में घाटे को पूरा करने के लिए सरकार की तरफ से इस बार 4,546 करोड़ रुपए कर्ज लिए जाने की संभावना है।
सरकार ने इस साल कब-कब लिया कर्ज
राज्य सरकार की तरफ से इस वर्ष सबसे पहले जनवरी माह में 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया। इसके बाद फरवरी माह में 800 करोड़ रुपए, अप्रैल माह में 400 करोड़ रुपए, मई माह में 400 करोड़ रुपए, जुलाई माह में 750 करोड़ रुपए, अगस्त माह में 250 करोड़ रुपए और अब अक्तूबर माह में 200 करोड़ का कर्ज लिया जा रहा है।