Edited By Vijay, Updated: 19 Jul, 2019 09:59 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजैक्ट इलैक्ट्रॉनिक नैशनल एग्रीकल्चर मार्कीट (ई-नेम) की राष्ट्रीय रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश चौथे स्थान पर लुढ़क गया है। इस प्रोजैक्ट के तहत बीते साल सेब सीजन के शुरूआत में हिमाचल प्रदेश देशभर में पहले स्थान पर...
शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजैक्ट इलैक्ट्रॉनिक नैशनल एग्रीकल्चर मार्कीट (ई-नेम) की राष्ट्रीय रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश चौथे स्थान पर लुढ़क गया है। इस प्रोजैक्ट के तहत बीते साल सेब सीजन के शुरूआत में हिमाचल प्रदेश देशभर में पहले स्थान पर था लेकिन वित्त वर्ष 2018-19 की फाइनल रैंकिंग में हिमाचल को दूसरा स्थान हासिल हुआ है। प्रोजैक्ट की परफॉर्मैंस में गिरावट पर राज्य के कृषि विपणन बोर्ड ने संज्ञान लेते हुए बिलासपुर जिला को छोड़कर सभी ए.पी.एम.सी. को फटकार लगाई है।
57 करोड़ रुपए की पेमैंट का ऑनलाइन करना होगा भुगतान
बोर्ड के 18 जुलाई के पत्र संख्या एच.एम.बी.(एफ.)2-33/2017-2(ई-नेम)के तहत मौजूदा सीजन के दौरान सभी ए.पी.एम.सी. को तकरीबन 57 करोड़ रुपए की पेमैंट का भुगतान किसानों-बागवानों के खाते में ऑनलाइन करना होगा। यह बीते साल की तुलना में 27.67 करोड़ रुपए अधिक है। इस प्रोजैक्ट का मकसद किसानों-बागवानों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकना तथा उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाना है। बीते साल 29.24 करोड़ रुपए की पेमैंट किसानों को इस प्रोजैक्ट के तहत ऑनलाइन दी गई थी। ई-नेम प्रोजैक्ट के लिए केंद्र सरकार प्रत्येक मंडी को 30 से 32 लाख रुपए का बजट दे रही है।
क्या है ई-नेम प्रोजैक्ट
केंद्र ने ई-नेम प्रोजैक्ट के लिए हिमाचल की 19 मंडियां चयनित कर रखी हैं। इस प्रोजैक्ट में किसानों-बागवानों के उत्पादन ऑनलाइन बेचे जाने का प्रावधान है। इस व्यवस्था में राष्ट्रीय कृषि बाजार से जुड़ीं देशभर की 100 से ज्यादा मंडियों में हिमाचल का किसान-बागवान प्रदेश की चयनित 19 मंडियों में बैठकर देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद बेच सकता है। कृषि व बागवानी उत्पाद ऑनलाइन बिकते ही किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन पेमैंट जमा करने का प्रावधान है।
19 मंडियों को इतना मिला लक्ष्य
बंदरोल मंडी को इस साल 1.50 करोड़, भट्टाकुफर मंडी को 5 करोड़, भुंतर को 1.50 करोड़, चम्बा को 50 लाख, ढली को 5 करोड़, फ्रूट मंडी सोलन को 20 करोड़, हमीरपुर को 15 लाख, कांगड़ा को 3 करोड़, कांगड़ा-जसूर को 3 करोड़, मंडी को 15 लाख, पालमपुर को 1 करोड़, पांवटा साहिब को 20 लाख, पराला को 3 करोड़, पतलीकूहल को 1.25 करोड़, रोहड़ू को 7 करोड़, संतोषगढ़ को 15 लाख, परवाणु को 15 लाख, टकोली को 4 करोड़ तथा ऊना सब्जी मंडी को 35 लाख की पेमैंट ऑनलाइन करने का लक्ष्य दिया गया है।