हिमाचल को PMKSY के तहत नहीं मिले 342.12 करोड़

Edited By Vijay, Updated: 17 Jun, 2018 10:21 PM

himachal did not get 342 12 crore under pmksy

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के.एस.वाई.) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के लिए 343.12 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता अभी लंबित है।

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पी.एम.के.एस.वाई.) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के लिए 343.12 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता अभी लंबित है। उन्होंने कहा कि जल संसाधन मंत्रालय ने पी.एम.के.एस.वाई. के अंतर्गत निधि के लिए वर्ष 2016-17 में 99 सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी है। हालांकि सभी शर्तें पूरी करने के बावजूद इस सूची में हिमाचल प्रदेश की एक भी योजना शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि त्वरित सिंचाई लाभ योजना (ए.आई.बी.पी.) के अंतर्गत निधि के लिए 156.31 करोड़ रुपए की मध्यम सिंचाई परियोजना नादौन और 204.51 करोड़ रुपए की फिना सिंह सिंचाई परियोजना को इस सूची में शामिल किया जाए क्योंकि इन योजनाओं में सभी शर्तें पूरी की गई हैं।


5 जिलों को राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत लाया
मुख्यमंत्री नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग गवर्निंग काऊंसिल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने 5 जिलों चम्बा, हमीरपुर, सोलन, शिमला और ऊना को राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत लाया है तथा प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक पदों को भरने के प्रयास कर रही है। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार प्रदेश सरकार मुख्यालय स्तर से जुड़े पदों का 21 करोड़ रुपए का वित्तीय भार उठाएगी। उन्होंने केंद्र से राज्य के हित में इस निर्णय की समीक्षा करने का आग्रह किया ताकि कार्यक्रम के अंतर्गत लक्ष्यों को शीघ्र हासिल किया जा सके।


लंबित निधि को शीघ्र जारी करे केंद्र सरकार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत लंबित निधि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया तथा कहा कि इन दोनों सिंचाई परियोजनाओं को 99 प्राथमिकता परियोजनाओं की सूची में शामिल किया जाए जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय को बढ़ाने के लिए वर्तमान वर्ष में 9 योजनाओं को कार्यान्वित करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सिंचाई के लिए पानी की कमी झेल रहे प्रदेश के 5 जिलों के लिए 4751 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से जल संरक्षण एवं प्रबन्धन का एक प्रस्ताव भी तैयार किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले को किसी बाहरी एजैंसी के माध्यम से निधि के लिए केंद्र के समक्ष उठाया है।


वर्ष 2022 तक 10 लाख नए पौधे लगाने का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2022 तक 10 लाख नए पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य में आरम्भ की गई विभिन्न पहलों जिनमें कृषि क्षेत्र का विकास व वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना, इलैक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम), मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मनरेगा, आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय पोषण मिशन, मिशन इंद्रधनुष, स्पैशल डिवैल्पमैंट नीड्स ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स, महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती को मनाने के लिए सुझाव, जी.एस.टी. अधिनियम, जैम पोर्टल, भीम एप तथा आधार और राज्य स्तर पर उपलब्ध विभिन्न अनटाइड निधि का उपयोग करना शामिल है व विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत की जा रही प्रगति से अवगत करवाया।


90:10 के अनुपात के अनुसार मिले वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य में सहभागिता योजना, मुख्यमंत्री निरोग योजना, मुख्यमंत्री आशीर्वाद योजना तथा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष जैसी नई याजनाओं को कार्यान्वित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थितियों के मद्देनजर 90:10 के अनुपात के अनुसार वित्तीय सहायता के लिए आग्रह किया।

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