शिमला (ब्यूरो): हाईकोर्ट ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के मरीजों की देखभाल करने वाले डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ को मूलभूत सुविधाएं प्रदान न करने पर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश दिए।
अधिवक्ता तरुण पाठक द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर यह संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट के नाम लिखे पत्र के अनुसार हिमाचल सरकार क्वारंटाइन किए गए मरीजों की देखभाल के लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर खरी नहीं उतर रही है, जिसके तहत क्वारंटाइन संस्थान में उपयुक्त इंफ्रास्ट्रक्चर, मेडिकल सुविधाएं व अन्य प्रकार की सुविधाएं शामिल हैं।
पत्र के अनुसार हिमाचल प्रदेश सरकार कोविड-19 के मरीजों की देखभाल कर रहे डाक्टरों व पैरा मैडीकल स्टाफ को पीपीई किट जैसी मूलभूत सुविधाएं देने में भी विफल रही है। पत्र के माध्यम से प्रार्थी ने कोर्ट से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार को आदेश दिए जाएं कि वह केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत डॉक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाए। इसके अलावा क्वारंटाइन हुए मरीजों के रखरखाव के लिए लीगल सर्विसेज अथॉरिटी या किसी अन्य एजैंसी को नजर रखने के लिए कहा जाए। मामले पर सुनवाई 10 दिन के बाद होगी।
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