चुनाव रोस्टर को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

Edited By Vijay, Updated: 29 Dec, 2020 11:27 PM

highcourt reserved verdict on petitions challenging roster

प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनावों में रिजर्वेशन रोस्टर में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के...

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने पंचायती राज संस्थाओं के विभिन्न पदों के लिए होने वाले चुनावों में रिजर्वेशन रोस्टर में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इन याचिकाओं पर सभी पक्षकारों ने 4 दिन तक अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं। सभी पक्षों की दलीलें सुनने के पश्चात कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने विभिन्न मामलों में पंचायती राज संस्थाओं के अलग-अलग पदों के लिए होने वाली चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाई है। इन मामलों पर होने वाली अंतिम सुनवाई के पश्चात ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न पंचायतों व परिषदों में आरक्षित रोस्टर लागू हो पाएंगे या नहीं।

धर्मपुर ब्लॉक से जुड़े मामले की सुनवाई बुधवार के लिए टली

वहीं हाईकोर्ट में पंचायती राज संस्थाओं के प्रधान पदों के लिए होने वाले चुनावों में रिजर्वेशन रोस्टर में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दायर याचिकाओं में टुटू व चौपाल विकास खंड की सुनवाई पूरी होने के बाद मामलों को फैसले के लिए सुरक्षित रख लिया गया है जबकि धर्मपुर उपमंडल मंडी से जुड़े मामले में सुनवाई पूरी न होने के कारण अगली सुनवाई बुधवार के लिए टल गई है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ के समक्ष इन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई पिछले सप्ताह से जारी है। फिर भी धर्मपुर विकास खंड मामले में बहस पूरी न होने पर अगली सुनवाई बुधवार के लिए टल गई है।

स्टाफ की कमी को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 7 तक टली

वहीं हाईकोर्ट में राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में डाक्टरों और पैरामैडीकल स्टाफ  की कमी के मुद्दे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 7 जनवरी के लिए टल गई है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रैंस की बजाय कोर्ट के समक्ष करने का अनुरोध किया। अनुरोध को स्वीकार करने के बाद कोर्ट ने मामले को 7 जनवरी को सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किए।

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