हिमाचल में बाहरी लोगों को काेविड टैस्ट के बाद प्रवेश देने पर विचार करे सरकार : हाईकोर्ट

Edited By Vijay, Updated: 03 Dec, 2020 08:21 PM

highcourt in shimla

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सभी वरिष्ठ डॉक्टर नियमित तौर पर कोविड-19 वार्डों का दौरा करें, साथ ही ये भी आदेश दिए कि राज्य में प्रवेश करने वाले सभी...

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार सभी वरिष्ठ डॉक्टर नियमित तौर पर कोविड-19 वार्डों का दौरा करें, साथ ही ये भी आदेश दिए कि राज्य में प्रवेश करने वाले सभी बाहरी लोगों के टैस्ट अनिवार्य करने पर विचार किया जाए। इसके अलावा राज्य सरकार को तरल ऑक्सीजन टैंकरों की उपलब्धता बाबत निर्णय लेने के भी आदेश जारी किए गए हैं। न्यायालय ने आऊटसोर्स के आधार पर तैनात किए जाने वाले कर्मियों को 5 दिसम्बर तक नियुक्ति प्रदान करने के आदेश भी दिए। इसी तरह न्यायालय ने निजी व सरकारी प्रयोगशालाओं से कोविड टैस्ट करवाने और सैंपल एकत्रित करने वाली एजैंसी को टैस्ट करने के दौरान व्यक्ति का संपर्क नंबर, ई-मेल आईडी व अन्य जरूरी जानकारी लेने के आदेश दिए ताकि टैस्ट की जानकारी ई-मेल या व्हाट्सएप इत्यादि पर दी जा सके। यह रिपोर्ट 48 घंटों के भीतर दी जाए।

न्यायालय ने शिमला, मंडी, धर्मशाला, कुल्लू, सोलन, ऊना, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों में टैस्टिंग बाबत जानकारी समाचार पत्रों व सोशल मीडिया के माध्यम से दिए जाने के आदेश जारी किए हैं ताकि सैंपल को एकत्रित करने के लिए समय संबंधी जानकारी लोगों को उपलब्ध हो सके। न्यायालय ने कोविड-19 अस्पतालों में हैल्पलाइन सुविधा को भी सुनिश्चित करने को कहा ताकि कोविड-19 के  मरीज से उसके परिवार के सदस्य व अन्य नजदीकी रिश्तेदारों का संपर्क बना रहे। न्यायालय ने कहा कि जो मरीज अपने खर्चे पर नर्स रखना चाहें, उन्हें अपने खर्च पर इसको रखने की अनुमति दें ताकि अस्पताल स्टाफ  का भार कम हो सके। कोविड मरीज के शव को किसी भी स्थिति में वार्ड में न लपेटा जाए तथा उसे तुरंत वार्ड के बाहर किया जाए। सभी शौचालय साफ  व स्वच्छ रखे जाएं और अगर मरीजों को शौचालय संबंधी कोई शिकायत है तो वे हैल्पलाइन पर सूचना दे सकते हैं। न्यायालय ने गर्म पानी व स्ट्रीमर की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए।

न्यायालय ने मास्क पहनने व सामाजिक दूरी बनाए रखने बाबत बनाए गए नियमों की पालना सुनिश्चित करने के लिए न केवल स्थानीय पुलिस बल्कि नगर निगम, गृह विभाग के कर्मियों व वालंटियर को तैनात करने के आदेश जारी किए हैं। किसी भी परिवार को कोविड-19 से ग्रस्त होने के कारण समाज से बाहर नहीं किया जाएगा। कार्यकारी मैजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना जनसभा आयोजित नहीं की जा सकेगी। इसके बाद स्थानीय पुलिस थाना को यह सुनिश्चित करना होगा कि जनसभा में निर्धारित लोगों से अधिक संख्या न हो।

इसके अतिरिक्त पंचायतों तथा स्थानीय निकायों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मास्क पहनने व सामाजिक दूरी बनाने जैसी शर्तों की पूर्णतया पालना हो। जो लोग जरूरी वस्तुओं की डिलीवरी के लिए तैनात किए गए हैं, उनका टैस्ट प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। न्यायालय ने आऊटसोर्स के आधार पर कोविड की सेवाओं में तैनात किए तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता प्रदान करने के निर्देश जारी किए हैं। जो लोग घर से ही अपना इलाज ले रहे हैं उन लोगों को डैडिकेटिड मैडीकल पर्सनल द्वारा दिन में 2 बार संपर्क करने के आदेश जारी किए हैं ताकि उस व्यक्ति के बाबत डैडिकैटिड हॉस्पिटल के कर्मियों को पूरी जानकारी हो।

न्यायालय ने सरकार को यह भी सुनिश्चित करने के आदेश दिए कि जो लोग घर से ही इलाज ले रहे हैं, उन्हें सरकार अच्छी गुणवत्ता वाली मैडीसिन किट उपलब्ध करवाए। सरकारी कर्मियों के लिए शिफ्ट अनुसार कार्यालय आने का समय सुबह 9.30 व 10 बजे तथा सायं जाने का समय 4.30 व 5 बजे करने पर विचार करने के आदेश जारी किए हैं ताकि बसों में भीड़ को कम किया जा सके। जनसाधारण को कोविड बाबत शिक्षित करने के आदेश जारी किए हैं। न्यायालय ने इसके लिए होर्डिंग, रेडियो, टीवी व किताबों के माध्यम से शिक्षित करने के आदेश जारी किए है ताकि लोगों को कोविड-19 से बचने के लिए सुझाए गए नियमों, प्रक्रिया व प्रोटोकॉल के बारे में पूरी जानकारी हो।

न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को ये आदेश जारी किए हैं कि वह अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई न तो कंटेनमैंट जोन को छोड़कर जा सके और न ही कंटेनमैंट जोन में घुस सके। न्यायालय ने उन लोगों को धरना-प्रदर्शनों में जाने की मनाही की है जोकि कोविड-19 के लिए तैनात किए गए हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है तो उसे यह स्वतंत्रता होगी कि वह हाईकोर्ट के समक्ष अपनी समस्या को रखे। अगर फिर भी व्यक्ति इस तरह की गतिविधियों में शामिल होगा तो उसके खिलाफ न्यायालय के आदेशों की अवमानना की कार्रवाई होगी।

न्यायालय ने 6 एम्बुलैंस जोकि वालंटियर व अन्य उपकरणों से लैस होने के बावजूद बेकार पड़ी हैं उनको क्रियाशील करने के आदेश जारी किए हैं। इसी तरह कोविड सेवा में तैनात किए गए कर्मियों की डाइट व आराम का विशेष ध्यान रखने के भी आदेश जारी किए हैं। अगर जरूरी हो तो एनजीओ व चैरिटेबल इंस्टीच्यूशन से भी सहायता लेने के निर्देश जारी किए हैं। न्यायालय ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए हैं। इस मामले पर अगली सुनवाई 10 दिसम्बर को होगी।

 

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