5 घंटे 5 मिनट में पठानकोट से पपरोला पहुंची हाई स्पीड ट्रेन, अंतिम ट्रायल सफल

Edited By Vijay, Updated: 20 Dec, 2018 04:54 PM

high speed train reached paprola from pathankot in 5 hours 5 minute

रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देशों के बाद रेलवे डिवीजन फिरोजपुर ने पठानकोट से जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की संभावना को टटोलने के लिए बुधवार को फिर दूसरी बार पठानकोट से सुबह साढ़े 9 बजे बैजनाथ-पपरोला स्टेशन तक 4 डिब्बों के साथ...

पपरोला (गौरव): रेल मंत्री पीयूष गोयल के निर्देशों के बाद रेलवे डिवीजन फिरोजपुर ने पठानकोट से जोगिंद्रनगर रेलमार्ग पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने की संभावना को टटोलने के लिए बुधवार को फिर दूसरी बार पठानकोट से सुबह साढ़े 9 बजे बैजनाथ-पपरोला स्टेशन तक 4 डिब्बों के साथ विशेष ट्रेन चलाकर ट्रायल किया। दूसरे ट्रायल में ट्रेन की पठानकोट से नूरपुर स्टेशन तक 40 किलोमीटर प्रतिघंटा और नूरपुर से बैजनाथ तक 35 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड करने के लिए तकनीकी पहलुओं को परखा गया। इस विशेष ट्रेन में पठानकोट से लोकोमोटिव, कैरिज एंड वैगन के अधिकारी मौजूद रहे। बताया गया कि ये ट्रेन दूसरे ट्रायल में पालमपुर व ज्वालामुखी रोड स्टेशन में 5 मिनट, कांगड़ा मंदिर रेलवे स्टेशन में इंस्पैक्शन व नगरोटा में 2 मिनट के लिए रोकी गई थी। इसके बाद पठानकोट से बैजनाथ-पपरोला पहुंचने के लिए ट्रेन को लगभग 5 घंटे 5 मिनट का समय लगा है।

3 नवम्बर को हुआ था पहला ट्रायल

बता दें कि इससे पूर्व भी 3 नवम्बर को ट्रेन का पहला ट्रायल हुआ था, जिसमें स्पीड ट्रेन को पठानकोट से पपरोला पहुंचने के लिए साढ़े 5 घंटे का समय लगा था। सूत्रों की मानें तो दूसरे ट्रायल की रिपोर्ट के बाद अब विभाग हाई स्पीड ट्रेन को चलाने व उसको निर्धारित समय से चलाने पर गौर करेगा। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया जाएगा कि इस ट्रेन के साथ कितने कोच भेजे जाएंगे।  रेलवे विभाग के डी.आर.एम. विवेक कुमार ने बताया कि इस टै्रक  पर स्पीड रेल चलाने को लेकर रेलवे द्वारा अंतिम ट्रायल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि अब विभाग इस रेल को चलाने के लिए समय निश्चित करेगा, साथ ही यह भी तय किया जाएगा कि इस ट्रेन के साथ कितने कोच चलाने हैं।

ट्रैक का सुधार व नए इंजन मिले तो बनेगी बात : लोको पायलट

ट्रायल रेल को चलाने वाले लोको पायलट धर्म सिंह ने बताया कि रेलमार्ग पर अगर सही ढंग से रोडी पत्थर पड़े हों व इंजन नए हो तो ट्रेन की स्पीड अपने आप ही सही रफ्तार पकड़ लेती है लेकिन वर्तमान में रेल ट्रैक पर दौड़ने वाले इंजन काफी पुराने हो चुके हैं। लोको पायलट ने बताया कि बुधवार को ट्रायल में नूरपुर तक 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार रही जबकि नूरपुर से पपरोला तक मैक्सिमस स्पीड 35 किलोमीटर तक रही। 

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