Edited By Vijay, Updated: 24 Oct, 2018 10:56 PM
प्रदेश उच्च न्यायालय ने नगर परिषद बद्दी व बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा सॉलिड वेस्ट एकत्रित करने व उसका निपटारा करने में असफल रहने पर मामले को बड़ी गंभीरता से लिया है।
शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने नगर परिषद बद्दी व बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा सॉलिड वेस्ट एकत्रित करने व उसका निपटारा करने में असफल रहने पर मामले को बड़ी गंभीरता से लिया है। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने दोनों एजैंसीज को आदेश जारी किए हैं कि वे वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता द्वारा न्यायालय के समक्ष पेश की गई रिपोर्ट के दृष्टिगत अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट 4 सप्ताह के भीतर न्यायालय के समक्ष दाखिल करें। रिपोर्ट दाखिल न करने पर मामला गंभीरता से लिया जाएगा। मामले पर सुनवाई 29 नवम्बर को निर्धारित की गई है।
वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता ने दायार की थी रिपोर्ट
बता दें कि गत 4 अक्तूबर को पारित किए गए आदेशों की अनुपालना में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वरिष्ठ पर्यावरण अभियंता ने हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट दायर की थी, जिसका अवलोकन करने के पश्चात न्यायालय ने पाया कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि नगर परिषद बद्दी व बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण सॉलिड वेस्ट को एकत्रित करने और उसे वैज्ञानिक तरीके से एम.एस.डब्ल्यू. डिस्पोजल साइट कंदुवाल में डंपिंग करने के लिए अपना कत्र्तव्य निभाने में विफल रहे हैं जबकि पर्यावरण व वन मंत्रालय द्वारा इस बाबत स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिलाधीश सोलन को न्यायालय के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के आदेश जारी किए गए हैं।