Edited By Ekta, Updated: 23 Jul, 2019 10:03 AM
श्री चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को पेश आ रही समस्याओं के निदान हेतु दायर जनहित याचिका संख्या 88/2012 के तहत हिमाचल उच्च न्यायालय का गंभीर रुख अब स्पष्ट है। हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय को श्री माता चिंतपूर्णी मंदिर का...
शिमला: श्री चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को पेश आ रही समस्याओं के निदान हेतु दायर जनहित याचिका संख्या 88/2012 के तहत हिमाचल उच्च न्यायालय का गंभीर रुख अब स्पष्ट है। हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय को श्री माता चिंतपूर्णी मंदिर का विस्तारीकरण करते हुए श्रद्धालु सुविधाएं अर्जित करवाने हेेतु 45.06 करोड़ रुपए की राशि यथाशीघ्र उपलब्ध करवाने के आदेश दिए गए हैं।
आदेशों के अनुसार उच्च न्यायालय के पिछले आदेशों की अनुपालना में हिमाचल प्रदेश के पर्यटन विभाग ने 45.06 करोड़ रुपए की राशि से मंदिर क्षेत्र विकास की ‘डिटेल प्रोजैक्ट रिपोर्ट’ को दिनांक 10 अप्रैल 2019 को केन्द्र सरकार के समक्ष पेश कर दिया गया था परन्तु केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा इस रिपोर्ट के कुछ मुद्दों पर आपत्तियां भी उठाई गई थीं। अब इन आपत्तियों का निवारण हिमाचल पर्यटन विभाग द्वारा अपनी 3 जून, 2019 की रिपोर्ट में किया जा चुका है।
इसके चलते अब हाईकोर्ट द्वारा सहायक केन्द्रीय सॉलिसिटर जनरल के माध्यम से केन्द्रीय सरकार को मामले की यथाशीघ्र निपटाते हुए 4 सप्ताह के समय में ही यह राशि राज्य सरकार को उपलब्ध करवाने को कहा गया है। उच्च न्यायालय ने आशा व्यक्त की कि राशि उपलब्ध होने के बाद सभी संबंधित पक्षों जिनमें हिमाचल सरकार भी शामिल है, मामले पर यथाशीघ्र कार्रवाई की जा सकेगी। अदालत के डबल बैंच के फैसले का चहुंतरफा स्वागत किया जा रहा है तथा श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय निवासियों में भी इससे सुविधा की उम्मीद नजर आने लगी है। फैसले के समय सीनियर एडवोकेट बिपिन चन्द्र नेगी के अतिरिक्त एडवोकेट जनरल भी मौजूद थे।